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Title
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Apna Samay Nahin By Ashok Vajpeyi |
Description
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Apna Samay Nahin By Ashok Vajpeyi अपने को लिखना और अपने समय को लिखना वैसे तो दो अलग-अलग काम हैं; पर कविता में वे अक्सर घुल-मिल जाते हैं : अपने को बिना अपने समय के लिखना मुमकिन नहीं होता और अपने समय को लिखना बिना अपने को लिखे हो नहीं पाता। |
Binding
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Paperback |
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