Description
78 Degree By Arun Kumar Asafal Paperback edition
एवरेस्ट द्वारा सन् 1847 में प्रकाशित पृथ्वी के स्थिरांकों से विश्व में वैज्ञानिक समुदाय द्वारा पृथ्वी के आकार के संबंध में जो शोध हो रहा था उसे काफी बल मिला था। इन्हीं भौगोलिक मानों के आधार पर हिमालय की चोटियों की सही-सही ऊँचाइयाँ ज्ञात करने में आसानी हो गयी थी। सन् 1850 के आसपास जब यह पता चला कि एक चोटी जिसका तब कोई नाम न था और गणना पुस्तिका में उसको ‘पीक-15’ दर्ज किया गया था, विश्व की तमाम चोटियों से सबसे ऊँची है। तब 1 मार्च, 1856 को तत्कालीन महासर्वेक्षक वॉघ को विश्व के सामने इसे जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर माउंट एवरेस्ट रखने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई थी। जॉर्ज एवरेस्ट अब सितारों को छूने लगा था। वास्तव में वह इसी का हकदार भी था।
– इसी पुस्तक से

































Reviews
There are no reviews yet.