Chandragupt By Jai Shankar Prasad

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Chandragupt By Jai Shankar Prasad

जयशंकर प्रसाद का ‘चंद्र्गुप्न नाटक’ महत्वपूर्ण बिंदु समीक्षा और पात्र परिचय प्रसाद के सम्पूर्ण नाटकों में सबसे विस्तृत, प्रौढ़ नाट्यकृति चन्द्रगुप्त है। प्रसाद जी ने 1912 ई० में ‘कल्याणी परिचय’ शीर्षक एक लघु नाटिका लिखी थी चन्द्रगुप्त नाटक के चतुर्थ अंक में ‘कल्याणी परिचय’ नाटिका को कुछ परिवर्तन करके इसी नाटक में शामिल कर दिया था।

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Description

प्रसाद के सम्पूर्ण नाटकों में सबसे विस्तृत, प्रौढ़ नाट्यकृति चन्द्रगुप्त है।
प्रसाद जी ने 1912 ई० में ‘कल्याणी परिचय’ शीर्षक एक लघु नाटिका लिखी थी
चन्द्रगुप्त नाटक के चतुर्थ अंक में ‘कल्याणी परिचय’ नाटिका को कुछ परिवर्तन करके इसी नाटक में शामिल कर दिया था।
नाटक के उन्नीस (19) पुरुष पात्र है।
चाणक्य (विष्णुगुप्त) मौर्य साम्राज्य का निर्माता। मुख्य पात्र।

About Author

जयशंकर प्रसाद
प्रसाद जी का जन्म माघ शुक्ल 10, संवत्‌ 1946 वि० (तदनुसार 30जनवरी 1889ई० दिन-गुरुवार) को काशी के सरायगोवर्धन में हुआ। इनके पितामह बाबू शिवरतन साहू दान देने में प्रसिद्ध थे और एक विशेष प्रकार की सुरती (तम्बाकू) बनाने के कारण ‘सुँघनी साहु’ के नाम से विख्यात थे। इनके पिता बाबू देवीप्रसाद जी कलाकारों का आदर करने के लिये विख्यात थे।
जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। 
जयशंकर प्रसाद जी का देहान्त 15 नवम्बर, सन् 1937 ई. में हो गया। प्रसाद जी भारत के उन्नत अतीत का जीवित वातावरण प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त थे। उनकी कितनी ही कहानियाँ ऐसी हैं जिनमें आदि से अंत तक भारतीय संस्कृति एवं आदर्शो की रक्षा का सफल प्रयास किया गया है।

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