Kabhi Purniya Mein (History) By Dr. Ashok Kumar Jha

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कभी पूर्णिया में” डॉ. आशोक कुमार झा,

एक महत्त्वपूर्ण किताब है जो केवल पूर्णिया क्षेत्र में रहने वाले ब्रिटिश नागरिकों के जीवन के दस्तावेजीकरण तक सीमित नहीं है बल्कि इसकी वास्तविक प्रासंगिकता औपनिवेशिक भारत में यूरोपीय आबादी और स्थानीय समाज के मध्य बुने गये सम्बन्धों के उस जटिल ताने-बाने को उजागर करने में है जिसके स्रोत आज भी पूर्णिया क्षेत्र में देखे जा सकते हैं।

-देवेन्द्र चौबे,
भारतीय भाषा अध्ययन केन्द्र,
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
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