Kit Kit By Anu Shakti Singh
कित कित – अणुशक्ति सिंह
Kit Kit By Anu Shakti Singh
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Kit Kit By Anu Shakti Singh
कित कित – अणुशक्ति सिंह
मन की नदियों, हवाओं, चुप्पियों, कथाओं को रचना
में रूप देने के लिए रियाज़ के साथ आत्मसंयम व
कलात्मक अभिव्यक्ति का सन्तुलन वांछित होता है,
तब एक रचना अपना प्रसव ग्रहण करने को उन्मुख
होती है। जो कलाकार इस गहरे बोध से परिचित होते हैं
वे गति से अधिक लय को भाषा में समाने का इन्तज़ार
करते उसे अपना रूप लेने देते हैं। लय, जो अपनी
लयहीनता में बेहद गहरे और अकथनीय अनुभव ग्रहण
करती है उसे भाषा में उतार पाना ही कलाकार की
असल सिद्धि है। अणु शक्ति ने अपने इस नॉवल में
टीस की वह शहतीर उतरने दी है। यह उनके कथाकार
की सार्थकता है कि नॉवल में तीन पात्रों की घुलनशील
नियति के भीतर की कशमकश को उन्होंने दृश्य बन
कहन होने दिया है। स्त्री, पर-स्त्री, पुरुष, पर-पुरुष,
इनको हर बार कला में अपना बीहड़ जीते व्यक्त करने
का प्रयास होता रहा। हर बार रचना में कुछ अनकही
अनसुनी कतरनें छितराती रही हैं। वहाँ प्रेम और
अकेलापन अपने रसायन में कभी उमड़ते हैं कभी
घुमड़कर अपनी ठण्ड में किसी अन्त में चुप समा जाते
हैं। अणु शक्ति इन मन:स्थितियों को बेहद कुशलता से
भाषा में उतरने देती हैं व अपनी पकड़ को भी अदृश्य
रखने में निष्णात साबित हुई हैं।
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रचना प्रक्रिया के पड़ाव – देवेन्द्र राज अंकुर
Rachna Prakriya Ke Padav (Thought on Theatre Work) By Devendra Raj Ankur
‘रचना प्रक्रिया के पड़ाव’ प्रसिद्ध रंगकर्मी और विद्वान् श्री देवेन्द्र राज अंकुर की नव्यतम पुस्तक है। रंगमंच को मुख्यतः और प्राथमिक रूप से नाटकों के मंचन से सन्दर्भित माना गया है। नाटकों और एकांकियों की सफलता का एक आधार उनके मंचन की अनुकूलता भी है। इसके अतिरिक्त महाकाव्यों के मंचन की भी सुदीर्घ और समृद्ध परम्परा भारत में रही है। परन्तु प्रस्तुत पुस्तक का सन्दर्भ कहानी के रंगमंच से है। ‘कहानी का रंगमंच’ नामक पुस्तक इस सन्दर्भ की पहली व्यवस्थित पुस्तक थी जिसका सम्पादन महेश आनन्द ने किया था। इसके बावजूद यह पुस्तक उस पुस्तक से कई मायनों में विशिष्ट है। पहली तो यह एक लेखक द्वारा रचित है। दूसरे इसको पहली पुस्तक से लगभग 50 वर्ष बाद लिखा गया है। तो इस लम्बी समयावधि में रंगमंच, ज्ञान-सरणी और कहानी विधा में जो विस्तार हुआ, उसे पुस्तक समेटती है।
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संशोधित-परिवर्द्धित हिन्दी संस्करणसभ्यता के कोने
वेरियर एल्विन
और
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यह पुस्तक एक जीवनी है और इस विधा में अपनी विशिष्ट जगह बना चुकी है। समकालीन भारत के सबसे जाने-पहचाने इतिहासकार रामचन्द्र गुहा की लिखी महात्मा गांधी की जीवनी कितनी बार पढ़ी गयी और चर्चित हुई। लेकिन गुहा की कलम से रची गयी पहली जीवनी वेरियर एल्विन (1902- 1964) की थी। यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई समाप्त करके ईसाई प्रचारक के रूप में भारत आया। फिर यहीं का होकर रह गया। वह धर्म प्रचार छोड़कर गांधी के पीछे चल पड़ता है। उसने भारतीय आदिवासियों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह उन्हीं में विवाह करता है। भारत की नागरिकता लेता है और अपने समर्पित कार्यों की बदौलत भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू का विश्वास जीतता है। साथ ही उस विश्वास पर खरा उतरता है।
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Adrika Sharma
“कित कित” एक आधुनिक कहानी है जो हमें नारीशक्ति, स्वतंत्रता और समाज में परिवर्तन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। इस कहानी में रचनाकार अनु शक्ति सिंह जी ने एक उत्कृष्ट कलाकृति बनाई है जो नारीशक्ति की महत्वपूर्णता को उजागर करती है।