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Maine Apni Maa Ko Janm Diya Hai -Rashmi Bhardwaj

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Maine Apni Maa Ko Janm Diya Hai – Rashmi Bhardwaj
मैंने अपनी मां को जन्म दिया है – रश्मि भारद्वाज

जानी-मानी लेखिका रश्मि भारद्वाज के कविता संग्रह ‘मैंने अपनी मां को जन्म दिया है’ में जीवन के विविध पक्षों की छाप है। उनकी कविताएं दुख, मुक्ति और स्वाभिमान के मुद्दों के अतिरिक्त विस्थापन, पर्यावरण और सहकारिता के वृहत्तर प्रश्नों से भी टकराती हैं।

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Description

महादेवी वर्मा के बाद से स्त्री कविता की अब तक चार पीढ़ियाँ और तैयार हुई । चौथी पीढ़ी की ऐसी विशिष्ट कवयित्री हैं रश्मि भारद्वाज जिनकी पीड़ा बौद्ध भिक्षुणियों के चीवर की गम्भीर लय में उनके पीछे धीरे-धीरे उड़ती जान पड़ती है । दुख से उपजे संताप वे कहीं पीछे छोड़ आयी हैं पर ‘गगन में गैब निसान उरै’ भाव से उनके पीछे ही सही, पर उनके साथ दुख लगा तो हुआ है – उन्हे एक व्यापक और गम्भीर दृष्टि देता हुआ जो किसी अतिरेक में विश्वास नहीं करती, एक दमनचक्र का जवाब दूसरे दमन-चक्र से देने में तो हर्गिज ही नहीं। तभी तो सभी संशयो के मध्य भी उनके पास शेष है ‘प्रेम का विश्वास’ , किसी ईश्वर के आगे नहीं झुकने पर भी उनके पास शेष है ‘प्रार्थना की उम्मीद’, सारे सांसारिक अनुष्ठानों के बीच भी शेष है ‘आत्मा का एकांत’ । -अनामिका

About the Author:

जन्म : मुजफ्फरपुर, बिहार शिक्षा : अंग्रेजी साहित्य से एम.फिल्, पी-एच.डी., भारतीय विद्या भवन, नयी दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा प्रकाशन : ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार-2016 द्वारा कविता संग्रह ‘एक अतिरिक्त अ’, ‘मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है’ प्रकाशित, रस्किन बॉण्ड का कहानी संग्रह एवं साहित्य अकादेमी विजेता हांसदा सोवेन्द्र शेखर के कहानी संग्रह ‘आदिवासी नहीं नाचेंगे’ का अनुवाद, प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विविध विषयों पर आलेख, कविताएँ एवं कहानियाँ प्रकाशित, रेडियो के लिए नाटक लेखन। अनुवाद एवं संपादन में विशेष सक्रिय, विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक मंचों पर भागीदारी, मुजफ्फरपुर दूरदर्शन, बिहार के लिए दो वर्षों तक स्क्रिप्ट राइटिंग और कार्यक्रम संचालन। पश्यन्ति/विमेंस कलेक्टिव, स्त्री रचनाधर्मिता पर आधारित पत्रिका का संपादन, कथादेश कथा संचयन में कहानी का चयन। वेब मैगज़ीन ‘मेराकी पत्रिका’ का संपादन।

Additional information

ISBN

9789389830293

Author

Rashmi Bhardwaj

Pages

120

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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