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Marx Ke Pret – Jacques Derrida

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Marx Ke Pret – Jacques Derrida (Translation Ramkirti Shukl)

प्रस्तुत पुस्तक विश्वप्रसिद्ध फ्रेंच दार्शनिक ज़ाक देरिदा की चर्चित पुस्तक `स्पेक्टर्स ऑफ़ मार्क्स` का अनुवाद है। अनुवाद साहित्य और संस्कृति के गंभीर अध्येता प्रो. रामकीर्ति शुक्ल ने किया है, साथ ही उन्होंने एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है, जो देरिदा की उपर्युक्त कृति को समझने में सहायक होगी।


प्रख्यात, प्रतिष्ठित, चर्चित और साथ ही विवादित फ्रेंच दार्शनिक जाक देरिदा निस्सन्देह बीसवीं शताब्दी के अन्तिम अर्द्धांश के अकेले ऐसे दार्शनिक हैं, जिनकी नवोन्मेषी वैचारिकी और सर्वथा अलग दिखने वाली (अपेक्षाकृत दुरूह) लेखन शैली ने उन्हें अन्तरराष्ट्रीय उपस्थिति प्रदान की है। दार्शनिक पाठों के अध्ययन-विश्लेषण की एक नयी और रैडिकल विधि प्रणाली के रूप में उनके द्वारा प्रस्तावित ‘डिकंस्ट्रक्शन’ (विखण्डन) देरिदा के नाम से भी अधिक नामी हो गया है और इसका, कम से कम, एक सामान्य शब्द के रूप में ऐसे लोग भी इस्तेमाल करते हैं जिन्होंने देरिदा का शायद नाम ही नहीं सुना होगा। पारम्परिक दार्शनिक प्रत्ययों की बिल्कुल नये और अनकन्वेन्शनल ढंग से व्याख्या करने के कारण उन्हें उत्तरआधुनिकता अथवा उत्तर-संरचनावाद जैसे वैचारिक आन्दोलनों के साथ भी जोड़ दिया जाता है लेकिन वे आजीवन इस तरह के लघुकारी ठप्पों की भर्त्सना करते रहे और अठारहवीं शताब्दी के ‘प्रबोधन’ मूल्यों में अपनी आस्था व्यक्त करते रहे। दार्शनिक के रूप में उनका प्रमुख अवदान भाषादर्शन के क्षेत्र में माना जाता है जहाँ उन्होंने उपस्थिति की तत्त्वमीमांसीय धारणाओं की लगभग ध्वंसात्मक क्रिटिक करते हुए आधुनिक भाषाविज्ञान, जिसे संरचनावादी भाषाविज्ञान भी कहा जाता है, की कुछ आधारभूत प्रचलित मान्यताओं को सवालों के घेरे में डाल दिया। इसी तरह उन्होंने कुछ ऐसे प्रश्नों की ओर भी हमारा ध्यान खींचा है जो सामान्यतः दर्शन के हाशिये के प्रश्न माने जाते हैं। प्रस्तुत टिप्पणी की सीमा के भीतर संक्षेप में उनके जीवन और कृतित्व की एक संक्षिप्त रूपेरखा प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा।

 
– भूमिका से (रामकीर्ति शुक्ल)

 

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Description

About the Author:

ज़ाक देरिदा की गिनती रूसो और सार्त्र जैसे फ्रांस के शीर्ष दार्शनिकों में होती है जिन्होंने सोचने-समझने के तरीकों को वैश्विक स्तर पर प्रभावित किया। अपने विपुल लेखन, व्याख्यानों, वार्ताओं के जरिये देरिदा ने जो विचार-दृष्टि प्रस्तावित की उसे विखंडनवाद और उत्तरआधुनिकता के बतौर जाना जाता है।

Additional information

ISBN

9789391277741

Author

Jacques Derrida

Binding

Paperback

Pages

376

Publication date

01-04-2022

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Language

Hindi

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