Mukkam Vashi : Kumar Gandharava Se Batcheet

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कुमार गन्धर्व उन विरले शास्त्रीय संगीतकारों में से रहे हैं जिन्होंने समझ और संवेदना से, साहस और निर्भीकता से संगीत के बारे में गहन चिन्तन किया; और परम्परा, उत्तराधिकार व अन्य कलाओं के साथ संवाद, रसिकता, समकालीनता आदि का प्रश्नांकन भी किया। उनके संगीत में, उसकी सघनता, व्याप्ति और वितान में इस प्रश्नांकन ने बड़ी सर्जनात्मक भूमिका निभायी है। उनका सांगीतिक सौन्दर्य गहरे और लम्बे वैचारिक संघर्ष की आभा से उपलब्ध और आलोकित हुआ है। उनके यहाँ विचार निरा विचार नहीं रागसिक्त विचार है; उनके यहाँ राग वैचारिक कर्म भी है। I उन्होंने रसिकों, संगीतकारों आदि के साथ जो लम्बी बातचीत की थी वह मराठी में थी । कुमार शती के अवसर पर रज़ा फ़ाउण्डेशन संगीत- चिन्तन की इस मूल्यवान् पुस्तक को हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करते हुए कृतकार्य अनुभव करता है।

– अशोक वाजपेयी
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Mukkam Vashi : Kumar Gandharava Se Batcheet
Translated By Dr. Sadhana Shiledar

SKU: Mukkam Vashi : Kumar Gandharava -PB
Category:
Translator

Dr. Sadhana Shiledar

Compiled by

Mo. Vi. Bhatawadekar

Binding

Paperback

Language

Hindi

Pages

344

ISBN

9788197018190

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Publication date

10-02-2024

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