Description
नक़्शानामा ख्यातिलब्ध भूगोलवेत्ता सरफ़राज़ आलम का पहला कविता संग्रह है जो नक़्शे जैसे एक जरूरी किन्तु भूगोल की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण विषय पर लिखा गया है। एक विषय पर लिखना वस्तु की दृष्टि से कठिन तो होता ही है, शिल्प की दृष्टि से खतरनाक भी होता है क्योंकि इसमें आवृत्ति दोष का खतरा बना रहता है लेकिन सरफ़राज़ जी ने अपनी समझ, संवेदना और गहरी अन्तर्दृष्टि से प्रस्तुत संग्रह को इस दोष से बचाया है।About the Author:
सरफ़राज़ आलम जन्म: 5 जनवरी 1972 शिक्षा : उच्चतर माध्यमिक और स्नातक (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़)। एम.ए. (भूगोल), एम. फिल., पी-एच.डी. ( राजनीतिक भूगोल) (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली) । प्रकाशित कृतियाँ: पहला कविता-संग्रह । राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं और सम्पादित किताबों में 70 से अधिक शोध-पत्र राजनीतिक भूगोल और भौगोलिक शिक्षा पर शोध के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पुरस्कार : बांग्लादेश पर शोध के लिए जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फण्ड (तीन मूर्ति भवन, नयी दिल्ली) द्वारा जवाहरलाल नेहरू छात्रवृत्ति (2002)। शोध हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जूनियर एवं सीनियर रिसर्च फेलोशिप (1997)। अनेक देशों का अकादमिक भ्रमण देश और विदेश की कई प्रतिष्ठित भौगोलिक संस्थाओं की सदस्यता शोध एवं शिक्षण: मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं सामरिक विश्लेषण संस्थान, नयी दिल्ली में एक शोधकर्ता के रूप में कार्य। जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली में शिक्षक के रूप में कार्य।
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