Description
Wah Hansi Bahut Kuch Kehti Thi – Rajesh Joshi
About the Author:
जन्म : 18 जुलाई, 1946, नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश। रचनाएँ : ‘समरगाथा’, ‘एक दिन बोलेंगे पेड़’, ‘मिट्टी का चेहरा’, ‘नेपथ्य में हँसी’, ‘दो पंक्तियों के बीच’, ‘चाँद की वर्तनी’; ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ तथा ‘कवि ने कहा’ (चयन); एक दिन बोलेंगे पेड़’ और ‘मिट्टी का चेहरा’ का संयुक्त संग्रह ‘धूपघड़ी’ (कविता); ‘सोमवार और अन्य कहानियाँ’, ‘कपिल का पेड़ तथा ‘मेरी चुनिंदा कहानियाँ’ (कहानी); ‘एक कवि की नोटबुक’, ‘एक कवि की दूसरी नोटबुक’; ‘वह हँसी बहुत कुछ कहती है’, ‘जादू जंगल’, ‘अच्छे आदमी’, ‘तुम सआदत हसन मंटो हो’, ‘पाँसे’, ‘सपना मेरा यही सखि’, ‘कहत कबीर’, ‘हमें जवाब चाहिए’ और कुछ टेली फिल्म्स की पटकथा तथा अनेक रचनाओं का नाट्य रूपांतर (नाटक); ‘किस्सा-कोताह’ (औपन्यासिक आख्यान); भतृहरि की कुछ कविताओं की अनुरचना और मायकोवस्की की कविताओं का अनुवाद तथा अनेक रचनाओं और कई पत्रिकाओं एवं उनके विशेषांकों का संपादन। पुरस्कार : साहित्य अकादेमी पुरस्कार, निराला स्मृति सम्मान, श्रीकांत वर्मा स्मृति सम्मान, माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, नागार्जुन सम्मान, शिखर सम्मान, पहल सम्मान, शमशेर सम्मान, मुकुट बिहारी सरोज सम्मान, शशिभूषण स्मृति नाट्य सम्मान तथा कैफ़ी आज़मी सम्मान आदि।































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