उ.प्र. के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के गाँव सिलहटा में जन्म । बी.ए. तक की पढ़ाई गाँव और गोरखपुर में की। तत्पश्चात जे.एन.यू., नयी दिल्ली से हिंदी साहित्य में एम.ए., एम.फिल. और पी-एच.डी.। हिंदी और भोजपुरी में लेखन-प्रकाशन। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, बेटियाँ, उजास (कविता संग्रह), भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नये विमर्श और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि, रचना का जीवद्रव्य, कहानी का क्षितिज, कविता का घनत्व (आलोचना), शोर के विरुद्ध सृजन (ममता कालिया का रचना संसार), प्रेमचंद : स्त्री जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : दलित जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद: स्त्री और दलित विषयक विचार,