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Safar Me Itihas : Etihasik Yatra Akhyan By Neelima Pandey
आमतौर पर यात्राएँ जान लेने की हुड़क में की जाती हैं। कहते हैं जान लेना मुक्त करता है। मुक्ति का तो नहीं पता पर यात्राएँ कैथार्सिस करती चलती हैं। इस वजह से बेहद मोहती हैं हमें। यात्राओं के दौरान अतीत और भविष्य अधिक मुखर हो उठते हैं, वर्तमान कुछ कट जाता है। महज़ जगहों से गुज़रना यात्रा को कमतर करता है। यात्रा माने इतिहास से एकरूप हो जाना। इतिहास के गर्व और शर्म को दोनों हाथों से थाम लेना । जहाँ काट-छाँट का इतिहास किंकर्तव्यविमूढ़ हो दूरी बना लेता है, वर्तमान रूठ जाता है और भविष्य अपने रास्ते से भटक जाता है। दरअसल, यात्राएँ जगहों से, लोगों से मिलने का सिर्फ एक बहाना हैं। असल मुलाक़ात तो हम अपने आप से करते चलते हैं। हर यात्रा के दौरान हम अपनी ही एक नयी पहचान से मुखातिब होते हैं। ये पहचान रूह की खरोंचों का मरहम है जिसे ख़ुद ही हासिल करना होता है।
– भूमिका से
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Des Des Pardes – Shriprakash Shukla
Des Des Pardes – Shriprakash Shukla
कवि-आलोचक श्रीप्रकाश शुक्ल के यात्रा-संस्मरणों की पुस्तक देस देस परदेस हमारे जीवन की एकरसता और एकतानता को तोड़ती है।
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Hardevi Ki Yatra- Hardevi Edited By Garima Srivastva
Hardevi Ki Yatra- Hardevi Edited By Garima Srivastva
औपनिवेशिक भारत में विशेषकर उन्नीसवीं सदी के दौरान ब्रिटेन से भारत आने वाली स्त्रियों के बहुत से यात्रा-वृत्तान्त हमें मिलते हैं जिनमें तत्कालीन यूरोप और औपनिवेशिक भारत के चित्र, उनके स्वानुभूत अनुभव चित्रित हैं।
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Antim Sangrila Ki Dharti Main – Raghubir Chand (Hardcover)
Antim Sangrila Ki Dharti Main – Raghubir Chand – Hardcover
अन्तिम संग्रीला की धरती में -रघुवीर चन्द
भूटान देखने-समझने की लालसा हर किसी यात्री के मन में विद्यमान होगी। इसका मूल कारण सम्भवतया भूटान का वह विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश है जो भिन्न-भिन्न कालखण्डों के प्रभाव व स्पर्श से गुज़रते हुए भी अपने मूल स्वभाव के साथ अपनी एक भिन्न पहचान बनाये रखने में सफल रहा है।
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Ek Sadak Ek Jagah – Manglesh Dabral (Paperback)
Ek Sadak Ek Jagah – Manglesh Dabral
एक सड़क एक जगह – मंगलेश डबरालइंटरनेट और संचार क्रांति के व्यापक विस्तार ने जब साहित्य, संस्कृति और विभिन्न ज्ञानानुशासनों का संकुचन कर दिया है, जब हर शहर एक उँगली पर आभासी संसार में उपलब्ध है, तब यात्राओं की प्रासंगिकता का बदल जाना अवश्यंभावी है।
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Antim Sangrila Ki Dharti Main – Raghubir Chand
Antim Sangrila Ki Dharti Main – Raghubir Chand
अन्तिम संग्रीला की धरती में -रघुवीर चन्द
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Ek Sadak Ek Jagah – Manglesh Dabral
Ek Sadak Ek Jagah – Manglesh Dabral
एक सड़क एक जगह – मंगलेश डबराल -
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