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सफ़र में धूप तो होगी ~ निदा फ़ाज़ली
About the Author:
(12 अक्टूबर 1938-8 फरवरी 2016) जन्म दिल्ली में। बचपन ग्वालियर में गज़रा। बम्बई में रहकर उर्दू की साहित्यिक पत्रिकाओं के लिये भी लिखा। टी.वी. और फ़िल्मों के लिये लिखा। कविता संग्रह : लफ़्ज़ों का पुल, मोर नाच, आंख और ख़्वाब के दर्मियाँ, खोया हआ सा कुछ, शहर मेरे साथ चल, ज़िन्दगी की तरफ़, शहर में गाव, सब का है माहताब। गद्य : मुलाक़ातें (साहित्यिक मुलाक़ातें/साक्षात्कार), दीवारों के बीच, दीवारों के बाहर, तमाशा मेरे आगे, चेहरे। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित निदा फ़ाज़ली 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से अलंकृत हुए।
Vimal Krishan –
A Master Piece to read again and again.