Tumhare naam likhta hu By Kumar Pashi

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Tumhare naam likhta hu By Kumar Pashi
तुम्हारे नाम लिखता हूँ – कुमार पाशी

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कुमार पाशी / Kumar Pashi


4 जुलाई, 1935 को बगदाद उल जदीद (पाकिस्तान) में पैदा हए विभाजन के बाद भारत आये, पहले जयपुर और बाद में दिल्ली में रहे। आधुनिक उर्दू शाइरी का जिक्र उन के बगैर अधूरा है। 17 सितम्बर, 1992 की शाम दिल्ली में देहान्त। प्रकाशित पुस्तकें : पुराने मौसमों की आवाज़ (जनवरी 1966) (कविता), ख़्वाब तमाशा (सितम्बर 1968) (कविता), इन्तिज़ार की रात (1973(कविता) विलास-यात्रा (1972) (लम्बी कविता), इक मौसम मिरे दिल के अन्दर इक मौसम मिरे बाहर (1979), जुम्लों की बुनियाद (1974) (एकांकी नाटक), पहले आस्मान का ज़वाल (कहानी संग्रह), रू-ब-रू (1976) (गज़लें), ज़वाले शब का मंज़र (1984), अर्धांगिनी के नाम (1985) कविता (उर्दू/हिन्दी), चाँद-चिराग (1994) कविता संपादन : मीराजी : शख़्सियत और फ़न, सुतूर (त्रैमासिक) मुहम्मद अल्वी, गोपाल मित्तल, उर्दू की आधुनिक कहानियाँ -सुतूर के विशेषांक •पाकिस्तान, लंदन की यात्रा •दिल्ली उर्दू अकादमी द्वारा मरणोपरान्त पुरस्कृत।

SKU: tumhare-naam-likhta-hu-by-kumar-pashi
Category:
ISBN

8185127816

Author

Kumar Pashi

Pages

144

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Vagdevi

Language

Hindi

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