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  • Muktigaatha Namdeo Dhasal

    Muktigaatha Namdeo Dhasal

    मुक्तिगाथा नामदेव ढसाल

    532.00625.00
  • Smriti Ek Dusara Samay Hai – Mangalesh Dabraal (Hardcover)

    Smriti Ek Dusara Samay Hai – Mangalesh Dabraal- Hardcover
    ‘स्मृति एक दूसरा समय है’ – मंगलेश डबराल

    मंगलेश डबराल के छठे और नये काव्य-संग्रह ‘स्मृति एक दूसरा समय है’ में कई आवाजें हैं, लेकिन यह ख़ासतौर पर लक्षित किया जाएगा कि उसमें प्रखर राजनीतिक प्रतिरोध का स्वर भी है।

    195.00260.00
  • Bhukhe Pet Kee Raat Lambi Hogi (labour chauraha)-Anil Mishra- Hardcover

    Bhukhe Pet Kee Raat Lambi Hogi (labour chauraha) By Anil Mishra

    ‘भूखे पेट की रात लंबी होगी’ – अनिल मिश्र

    भूखे पेट की रात लंबी होगी’, पर क्यों? यह जितना अभिधात्मक पदबंध है, उतना ही लाक्षणिक! अभिधात्मकता और लाक्षणिकता कविता की भवता की अनिवार्यता है।

    264.00330.00
  • Ujalon Ko Khabar Kar Do – Balli Singh Cheema (Hardcover)

    Ujalon Ko Khabar Kar Do – Balli Singh Cheema (Hardcover)
    उजालों को ख़बर कर दो’ – बल्ली सिंह चीमा

    उजालों को ख़बर कर दो’ बल्ली सिंह चीमा का पाँचवाँ और नवीनतम संग्रह है। इस नये संग्रह की ग़ज़लें और उसके शेर राजनीतिक समझ और आसपास के वातावरण से उपजे हैं। निश्चित रूप से यह राजनीतिक समझ जन सरोकारों से ओतप्रोत है।

    191.00225.00
  • Is Duniya Ko Sundar Banane Mein Laga Hoon – Mahesh Alok

    Is Duniya Ko Sundar Banane Mein Laga Hoon – Mahesh Alok

    इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ महेश आलोक का तीसरा कविता का संग्रह है। इन कविताओं का केन्द्रीय विषय है दुख, जिसके माध्यम से उन्होंने समाज को समझने, उसकी भीतरी गतिशीलता को रेखांकित करने और परिवर्तनों की और संकेत करने का बहुत सार्थक उपक्रम किया है।

    349.00
  • Do Dhruvon Ke Beech – Prakriti Kargeti

    Do Dhruvon Ke Beech – Prakriti Kargeti
    ‘दो ध्रुवों के बीच’ – प्रकृति करगेती

    दो ध्रुवों के बीच इस कविता-संग्रह की ज़्यादातर कविताएँ एक अलग मनःस्थिति में लिखी गयी हैं। इन कविताओं को इस तरह सार्वजनिक करने का एक मकसद ये भी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी विमर्श शुरू हो।

    242.00285.00
  • Badle Vakt Ke Mapak Yantra – Hari Mridul

    Badle Vakt Ke Mapak Yantra – Hari Mridul

    बदले वक्त के मापक यन्त्र हरि मृदुल का कविता-संग्रह है। इस कविता-संग्रह की कई कविताओं में पहाड़ का अनुभव बोलता है तो कई कविताएँ किसी लोकोक्ति या लोककथा के मर्म से उपजी हैं।

    212.00250.00
  • Manthar Hoti Prarthana – Sudeep Sohni

    Manthar Hoti Prarthana – Sudeep Sohni
    मन्थर होती प्रार्थना – सुदीप सोहनी

    सुदीप सोहनी का यह पहला कविता संग्रह मन्थर होती प्रार्थना उस भाव के रचनात्मक संवेदना में रूपायित होते रहने का उपक्रम है।

    242.00285.00
  • Gho Gho Rani Kitna Pani By Rashmi Bhardwaj

    Gho Gho Rani Kitna Pani By Rashmi Bhardwaj

    घो घो रानी कितना पानी रश्मि भारद्वाज का तीसरा कविता-संग्रह है। इनकी कविताएँ समाज के नये प्रसंग में, विशेष तौर से अस्मिता के अन्याय संदर्भों में, जीवन की अर्थवत्ता की तलाश एक जरूरी और मुश्किल कार्य है।

    285.00
  • Smriti Ek Dusara Samay Hai – Mangalesh Dabraal

    Smriti Ek Dusara Samay Hai – Mangalesh Dabraal
    ‘स्मृति एक दूसरा समय है’ – मंगलेश डबराल

    मंगलेश डबराल के छठे और नये काव्य-संग्रह ‘स्मृति एक दूसरा समय है’ में कई आवाजें हैं, लेकिन यह ख़ासतौर पर लक्षित किया जाएगा कि उसमें प्रखर राजनीतिक प्रतिरोध का स्वर भी है।

    125.00
  • Baki Bache Kuch Log – Anil Karmele (Paperback)

    Baki Bache Kuch Log – Anil Karmele
    बाकी बचे कुछ लोग – अनिल करमेले

    अनिल करमेले के इस संग्रह की कविताओं का स्पैक्ट्रम बड़ा है इसलिए इन्हें महज एकरेखीय ढंग से, किसी केंद्रीयता में सीमित करके नहीं देखा जा सकता। कविताओं के विषय, चिंताएँ और सरोकार व्यापक हैं, विविध हैं।

    130.00
  • Maine Apni Maa Ko Janm Diya Hai -Rashmi Bhardwaj (Paperback)

    Maine Apni Maa Ko Janm Diya Hai – Rashmi Bhardwaj (Paperback)
    मैंने अपनी मां को जन्म दिया है – रश्मि भारद्वाज

    जानी-मानी लेखिका रश्मि भारद्वाज के कविता संग्रह ‘मैंने अपनी मां को जन्म दिया है’ में जीवन के विविध पक्षों की छाप है। उनकी कविताएं दुख, मुक्ति और स्वाभिमान के मुद्दों के अतिरिक्त विस्थापन, पर्यावरण और सहकारिता के वृहत्तर प्रश्नों से भी टकराती हैं।

    111.00130.00