DHAWALE By PRABHAT
₹675.00₹900.00
रजा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम ऐसी पुस्तकें प्रकाशित करते रहे हैं जिनमें अपेक्षाकृत दुर्लभ सामग्री एकत्र की गयी है। यह पुस्तक एक लोक- गायक की कथा भी कहती है और मौखिक परम्परा में उसकी सजीव लोक-रचनाओं को लिखित रूप में अभिलिखित भी करती है ।
In stock
रजा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम ऐसी पुस्तकें प्रकाशित करते रहे हैं जिनमें अपेक्षाकृत दुर्लभ सामग्री एकत्र की गयी है। यह पुस्तक एक लोक- गायक की कथा भी कहती है और मौखिक परम्परा में उसकी सजीव लोक-रचनाओं को लिखित रूप में अभिलिखित भी करती है । यह सामग्री अपने वितान में विपुल और विविध, अपनी कथा- सम्पदा में सघन, अपनी प्रस्तुति में मनोहर है। एक लोक-कवि-गायक-कथाकार को अपने नज़दीक अनुभव करना पुस्तक से सहज सम्भव है।
About the Author:
प्रभात १९७२ की बारिशों में राजस्थान में करौली जिले के रायसना गाँव में जन्म। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से हिन्दी साहित्य में एम.ए. के बाद शिक्षा के क्षेत्र में तीन वर्ष नियमित काम । २००६ से आज तक शिक्षा और लोक साहित्य के क्षेत्र में स्वतन्त्र कार्य । कई लोकभाषाओं में स्थानीय स्तर पर समुदायों के साथ काम करते हुए बच्चों के लिए पचास से अधिक किताबों का सम्पादन- पुनर्लेखन । एकलव्य, जुगनू, एनबीटी, रूम टू रीड, लोकायत आदि प्रकाशनों से बच्चों के लिए पानियों की गाड़ियों में, बंजारा नमक लाया, कालीबाई, रफ़्तार खान का स्कूटर, साइकिल पर था कव्वा, घुमन्तुओं का डेरा, अमिया, ऊँट का फूल, कैसा कैसा खाना, लाइटनिंग, पेड़ों की अम्मां, आओ भाई खिल्लू आदि तीस से अधिक किताबें प्रकाशित । दो कविता-संग्रह (अपनों में नहीं रह पाने का गीत, जीवन के दिन) प्रकाशित । कहानीकार डॉ. सत्यनारायण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित मोनोग्राफ़ राजस्थान साहित्य अकादेमी से प्रकाशित मैथिली, मराठी, अँग्रेज़ी आदि भाषाओं में कविताओं के अनुवाद। आकाशवाणी, दूरदर्शन से समय-समय पर कविताएँ प्रसारित विभिन्न पाठ्यक्रमों में कविताएँ, कहानी और नाटक शामिल। युवा कविता समय सम्मान, २०१२, सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार, २०१०, , बिग लिटिल बुक अवार्ड २०१९ ।
ISBN | 9789395160704 |
---|---|
Author | Prabhat |
Binding | Paperback |
Pages | 544 |
Publication date | 25-02-2023 |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
Customer Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “DHAWALE By PRABHAT”
You must be logged in to post a review.