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Kala Aur Kalakaar By Labhuben Mehta – Translation Varsha Das

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Kala Aur Kalakaar By Labhuben Mehta

इस पुस्तक में शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, ललित कला और रंगमंच के कुछ साधकों से गहराई से लिए गये साक्षात्कार शामिल हैं। आज के और भविष्य के कलाकारों और कला प्रेमियों को ये साक्षात्कार मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इस पुस्तक का अनुवाद और संपादन वर्षा दास ने गुजराती से हिन्दी में किया है।

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Description

इस पुस्तक में शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, ललित कला और रंगमंच के कुछ साधकों से गहराई से लिए गये साक्षात्कार शामिल हैं। आज के और भविष्य के कलाकारों और कला प्रेमियों को ये साक्षात्कार मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इस पुस्तक का अनुवाद और संपादन वर्षा दास ने गुजराती से हिन्दी में किया है।

About Author

लिंबडी की मूल निवासी लाभुबेन मोहनलाल मेहता का जन्म 17 दिसंबर 1915 को हुआ था। वह छोटी उम्र से ही अपने गांव में राष्ट्रवादियों के काम से प्रभावित थीं। 15 वर्ष की अल्पायु से ही, 1930 और 1931 में हुए नमक सत्याग्रह में भाग लिया। धोलेरा, राणपुर और धंदुका के स्वयंसेवक सत्याग्रह शिविरों में रहे और जागरूकता मार्च निकाला, स्थानीय लोगों से नमक कानून तोड़ने और अपना नमक बनाने का आग्रह किया। और कर देने से इंकार कर देते हैं। इस समय अवधि के दौरान, उन्हें दो अलग-अलग मौकों पर हिरासत में लिया गया और उन दोनों गिरफ्तारियों के परिणामस्वरूप जेल में समय बिताया गया। जब वह जेल में सज़ा काट रही थीं, तब उन्होंने दो किताबें लिखीं, “प्रेममूर्ति कस्तूरबा” और “जवाहरलाल”।

Additional information

ISBN

9789391277321

Author

Labhuben Mehta/ Transl. Varsha Das

Binding

Paperback

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

Pages

448

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