Setu Samagra – Kahani By Devendra – Hardcover
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Setu Samagra – Kahani By Devendra
चर्चित कहानीकार देवेन्द्र की अब तक की सभी कहानियाँ एकसाथ प्रकाशित करना हमारे लिए खुशी का अवसर है। देवेन्द्र की कहानियों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि वह एक सधे हुए कथाशिल्पी हैं। जैसा कि कई आलोचकों ने भी लक्षित किया है, दृश्य-बन्ध का रचाव उनकी कहानियों की ताकत है और यह पाठक को बरबस खींचे रहती है। वह एक आत्मसजग कथाकार हैं। जाहिर है, देवेन्द्र के यहाँ जितना रचाव से सरोकार है उतना ही सरोकार का रचाव भी। उनकी कहानियों की अन्तर्वस्तु का दायरा काफी विस्तृत है। कहीं शिक्षा जगत में भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और भेदभाव का बोलबाला है तो कहीं सत्ता की शह पर साम्प्रदायिक हिंसा का नंगा नाच और कहीं जातिगत विषमता का दंश। यही नहीं, इस सब से निजात दिलाने का दम भरती प्रगतिशील राजनीति की कमजोरियों की शिनाख्त करने में भी देवेन्द्र ने संकोच नहीं किया है। क्रान्ति की तड़प में निकले युवा के मोहभंग को भी उन्होंने उतनी ही शिद्दत से चित्रित किया है जितनी प्रतिगामी राजनीति की शातिर चालों को। वह विद्रूप का महज मखौल नहीं उड़ाते, स्थितियों के विद्रूप बनते जाने के कारणों को भी चिह्नित करते हैं। हर लिहाज से वह हमारे समय के एक महत्त्वपूर्ण कथाकार जानी चाहिए कि 'सेतु समग्र ' के रूप में उनकी सभी कहानियों की एकसाथ उपलब्धता का उत्साहपूर्ण स्वागत होगा।
Pages | 288 |
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Binding | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
ISBN | 9788119127955 |
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