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Beeju Aadmi By Madan Kashyap
ये क़ायदे से ललित निबन्ध नहीं हैं, लेकिन पूरी तरह अख़बारी लेखन भी नहीं । निबन्ध की जो नयी शैली मेरी परिकल्पना में थी, उसका बीज मात्र ही इनमें हैं, उसे पुष्पित-पल्लवित होने का अवसर नहीं मिला है। उन निबन्धों को इस पुस्तक में शामिल कर किया है।
₹375.00 -
Kumar Mera Sakha By Dr. Chandrashekhar Rele Translated By Dr. Sadhana
कुमार मेरा सखा पुस्तक मुम्बई के मूर्धन्य गायक तथा संगीतज्ञ स्व. पं. (डॉ.) चन्द्रशेखर रेळे ने वरिष्ठ पत्रकार सारंग दर्शने से मौखिक रूप में कही और सारंग दर्शने ने इसका मराठी शब्दांकन किया।
₹325.00 -
Gandhi Aur Kala By Arvind Mohan
महात्मा गाँधी के कला-बोध और कलाओं से उनके सम्बन्ध और उनकी अपेक्षाओं पर समग्रता से एकत्र विचार करने वाली यह पहली पुस्तक है। अरविन्द मोहन ने इस सिलसिले में प्रामाणिक साक्ष्य जुटाया है और सम्यक् विवेचन कर गाँधी जी की कला-दृष्टि विन्यस्त की है।
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Bagalgeer By Santosh Dixit
साम्प्रदायिकता का जहर घुलते जाने से सौहार्द किस तरह नष्ट होता है और एक समय भाईचारे की मिसाल जान पड़ते रिश्ते किस तरह शत्रुता में बदल जाते हैं, ‘बग़लगीर’ इसी की दास्तान है। संतोष दीक्षित ने इस उपन्यास में जहाँ साम्प्रदायिकता के विषैले प्रभाव को दिखया है वहीँ कई जगह सेकुलर राजनीति के पाखण्ड को भी उजागर किया है।
₹650.00 -
Bagalgeer By Santosh Dixit
साम्प्रदायिकता का जहर घुलते जाने से सौहार्द किस तरह नष्ट होता है और एक समय भाईचारे की मिसाल जान पड़ते रिश्ते किस तरह शत्रुता में बदल जाते हैं, ‘बग़लगीर’ इसी की दास्तान है। संतोष दीक्षित ने इस उपन्यास में जहाँ साम्प्रदायिकता के विषैले प्रभाव को दिखया है वहीँ कई जगह सेकुलर राजनीति के पाखण्ड को भी उजागर किया है।
₹300.00 -
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Swayam Prakash By Renu Vyas
स्वयं प्रकाश के लेखन के पीछे यही प्रेरणा रही है-जो है, उससे बेहतर चाहिए – इंसान, समाज, देश, दुनिया। एक साक्षात्कार में वे कहते हैं-हम एक अधिक सुन्दर, कम क्रूर, अधिक न्यायपूर्ण और अधिक समतापूर्ण समाज बनाने का सपना देखते हैं!
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Jitani Hansi Tumhare Honthon Par
उ.प्र. के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के गाँव सिलहटा में जन्म । बी.ए. तक की पढ़ाई गाँव और गोरखपुर में की। तत्पश्चात जे.एन.यू., नयी दिल्ली से हिंदी साहित्य में एम.ए., एम.फिल. और पी-एच.डी.। हिंदी और भोजपुरी में लेखन-प्रकाशन। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, बेटियाँ, उजास (कविता संग्रह), भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नये विमर्श और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि, रचना का जीवद्रव्य, कहानी का क्षितिज, कविता का घनत्व (आलोचना), शोर के विरुद्ध सृजन (ममता कालिया का रचना संसार), प्रेमचंद : स्त्री जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : दलित जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद: स्त्री और दलित विषयक विचार, प्रेमचंद : हिंदू-मुस्लिम एकता संबंधी कहानियाँ और विचार, प्रेमचंद : किसान जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : स्वाधीनता आंदोलन की कहानियाँ, कहानियाँ रिश्तों की (परिवार), प्रेमचंद कहानी समग्र (संपादन) इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। कई कविताओं का अंग्रेजी, मराठी, उर्द, उड़िया और पंजाबी में अनुवाद।