Jitani Hansi Tumhare Honthon Par

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उ.प्र. के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के गाँव सिलहटा में जन्म । बी.ए. तक की पढ़ाई गाँव और गोरखपुर में की। तत्पश्चात जे.एन.यू., नयी दिल्ली से हिंदी साहित्य में एम.ए., एम.फिल. और पी-एच.डी.। हिंदी और भोजपुरी में लेखन-प्रकाशन। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, बेटियाँ, उजास (कविता संग्रह), भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नये विमर्श और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि, रचना का जीवद्रव्य, कहानी का क्षितिज, कविता का घनत्व (आलोचना), शोर के विरुद्ध सृजन (ममता कालिया का रचना संसार), प्रेमचंद : स्त्री जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : दलित जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद: स्त्री और दलित विषयक विचार, प्रेमचंद : हिंदू-मुस्लिम एकता संबंधी कहानियाँ और विचार, प्रेमचंद : किसान जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : स्वाधीनता आंदोलन की कहानियाँ, कहानियाँ रिश्तों की (परिवार), प्रेमचंद कहानी समग्र (संपादन) इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। कई कविताओं का अंग्रेजी, मराठी, उर्द, उड़िया और पंजाबी में अनुवाद।

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उ.प्र. के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के गाँव सिलहटा में जन्म । बी.ए. तक की पढ़ाई गाँव और गोरखपुर में की। तत्पश्चात जे.एन.यू., नयी दिल्ली से हिंदी साहित्य में एम.ए., एम.फिल. और पी-एच.डी.। हिंदी और भोजपुरी में लेखन-प्रकाशन। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, बेटियाँ, उजास (कविता संग्रह), भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नये विमर्श और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि, रचना का जीवद्रव्य, कहानी का क्षितिज, कविता का घनत्व (आलोचना), शोर के विरुद्ध सृजन (ममता कालिया का रचना संसार), प्रेमचंद : स्त्री जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : दलित जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद: स्त्री और दलित विषयक विचार, प्रेमचंद : हिंदू-मुस्लिम एकता संबंधी कहानियाँ और विचार, प्रेमचंद : किसान जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : स्वाधीनता आंदोलन की कहानियाँ, कहानियाँ रिश्तों की (परिवार), प्रेमचंद कहानी समग्र (संपादन) इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। कई कविताओं का अंग्रेजी, मराठी, उर्द, उड़िया और पंजाबी में अनुवाद। साहित्यिक पत्रिका उम्मीद’ का संपादन। अब तक भारत भूषण अग्रवाल सम्मान’, ‘देवीशंकर अवस्थी सम्मान’, ‘कृति सम्मान’, उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार’ व ‘विजयदेव नारायण साही पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान ग्रहण कर चुके हैं।

SKU: jitani-hansi-tumhare-honthon-par
Category:
ISBN

9789392228001

Author

Jitendra Shrivastava

Binding

Hardcover

Pages

168

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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