Nandkishore Acharya
31 अगस्त, 1945 को बीकानेर में जन्मे नन्दकिशोर आचार्य को विविध विधाओं में अपनी सृजनात्मकता के लिए अनेक सम्मानों से विभूषित किया गया है, जिनमें 2019 का साहित्य अकादेमी पुरस्कार भी शामिल है। श्री आचार्य महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा तथा प्राकृत भारती अकादेमी में अतिथि लेखक रहे हैं और आईआईटी, हैदराबाद में प्रोफेसर आव एमिनेंस के रूप में भी कार्य किया है। अज्ञेय द्वारा सम्पादित ‘चौथा सप्तक’ के कवि नन्दकिशोर आचार्य के अब तक बारह कवितासंग्रह, आठ नाटक, सात साहित्यिक आलोचना की पुस्तकें एवं संस्कृति, शिक्षा, राजनीतिक-आर्थिक चिन्तन, मानवाधिकार एवं गाँधी दर्शन पर केन्द्रित बारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। कई लेखकों की संचयिताओं-चयनिकाओं के सम्पादन के अतिरिक्त उन्होंने ‘अहिंसा विश्वकोश’ का सम्पादन भी किया है जिसे अहिंसा-दर्शन के क्षेत्र में एक अप्रतिम योगदान माना गया है। कई राष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में रचना-पाठ एवं व्याख्यान के लिए आमन्त्रित आचार्य इंग्लैण्ड, चीन, इण्डोनेशिया, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका तथा नेपाल की साहित्यिक-शैक्षणिक यात्राएँ कर चुके हैं। उन्होंने रियोकान, जोसेफ ब्रादस्की, लोर्का. अर्नाल्ड वेस्कर तथा एम.एन. राव के लेखन के अतिरिक्त कई आधुनिक अरबी, भारतीय तथा यूरोपीय लेखकों का अनुवाद भी किया है।
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