Gandhi Katha 1 : Yooh Hi Nahi Sardar
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Gandhi Katha 1 : Yooh Hi Nahi Sardar
`गांधी कथा -1 – यूं ही नहीं सरदार’ – अरविन्द मोहन
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अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा
उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।
About the Author:
पत्रकार, लेखक और अनुवादक। पिछले चार दशक से जनसत्ता
, इण्डिया टुडे
, हिन्दुस्तान
, अमर उजाला
और एबीपी न्यूज़
के माध्यम से पत्रकारिता करने वाले अरविन्द मीडिया अध्यापन में भी सक्रिय हैं। उन्होंने गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह पर किताबें लिखने के साथ और विषयों पर भी लिखा और अनुवाद किया है। उनकी दर्जन भर से ज्यादा किताबें प्रकाशित हैं।
ISBN | 9789393758118 |
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Author | Arvind Mohan |
Binding | Paperback |
Pages | 170 |
Publication date | 17-05-2022 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
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