Gandhi Studies

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  • Gandhi Katha (5 Volumes) By Arvind Mohan – Paperback

    Gandhi Katha (5 Volumes) By Arvind Mohan

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई `गांधी कथा` उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है।


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    956.001,125.00
  • Gandhi Katha 2 : Gorakh Se Haare Machhender

    Gandhi Katha 2 : Gorakh Se Haare Machhender
    गांधी कथा` २, गोरख से हारे मछंदर

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।

    191.00225.00
  • Gandhi Katha 3 : Angrejon Ko Namak Ne Mara

    Gandhi Katha 3 : Angrejon Ko Namak Ne Mara
    गांधी कथा` ३ – अंग्रेज़ो को नमक ने मारा

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।

    191.00225.00
  • Gandhi Katha 4 : Gandhi Hi Gandhi – Arvind Mohan

    Gandhi Katha 4 : Gandhi Hi Gandhi – Arvind Mohan
    `गांधी कथा`- ४

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।

    191.00225.00
  • Gandhi Katha 5 : Gandhi Ka Shambhumela

    Gandhi Katha 5 : Gandhi Ka Shambhumela
    गांधी कथा – ५

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।

    191.00225.00
  • Gandhi Katha (5 Volumes) By Arvind Mohan

    Gandhi Katha (5 Volumes) By Arvind Mohan

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई `गांधी कथा` उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है।

    2,138.002,375.00
  • Satyagraha Ki Sanskriti – Nand Kishore Acharya

    Satyagraha Ki Sanskriti – Nand Kishore Acharya

    ‘सत्याग्रह की संस्कृति’ – नन्दकिशोर आचार्य

    269.00299.00
  • Ahinsak Shram-Darshan – Dr. Shambhu Joshi

    Ahinsak Shram-Darshan – Dr. Shambhu Joshi

    850.00
  • Sabhyata Ka Vikalp (Rediscovering Gandhi)

    Sabhyata Ka Vikalp (Rediscovering Gandhi)

    सभ्यता का विकल्प: गांधी दृष्टि का पुनराविष्कार – नंदकिशोर आचार्य

    153.00170.00
  • Sabhyta ka vikalp – Nand Kishore Acharya

    Sabhyta ka vikalp – Nand Kishore Acharya

    सभ्यता का विकल्प: गांधी दृष्टि का पुनराविष्कार – नंदकिशोर आचार्य

    63.0070.00
  • Pujya Pita Ke Sahaj Satya Par

    Pujya Pita Ke Sahaj Satya Par -Nand Kishore Acharya

    पूज्य पिता के सहज सत्य पर – नंद किशोर आचार्य

    158.00175.00
  • Gandhi Katha 1 : Yooh Hi Nahi Sardar

    Gandhi Katha 1 : Yooh Hi Nahi Sardar

    `गांधी कथा -1 – यूं ही नहीं सरदार’ – अरविन्द मोहन

    अरविन्द मोहन द्वारा पाँच खण्डों में लिखी गई गांधी कथा उस अर्थ में कथा नहीं है। यह उतना ही प्रामणिक है जितना किसी इतिहास को होना चाहिए। लेकिन यह विधिवत इतिहास नहीं है, क्योंकि इसमें कालक्रम से घटनाओं और तथ्यों का ब्योरा व् सिलसिला नहीं है। यह एक वृहत वृतान्त है जिसे किस्सागोई के अन्दाज़ में लिखा गया है। बेशक इस वृतान्त के केन्द्र में गांधी हैं, पर यह वृतान्त सिर्फ़ उनका नहीं है, उनके सहयोगियों और हमसफर रहे लोगों का भी है जिन्होंने सद्गुण साधना करते हुए देश की आजादी की लड़ाई तथा अन्य सार्वजनिक कामों में अपने को झोंक दिया।

    203.00225.00