Samajik Vivek Ki Shiksha – Shivratan Thanvi
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Samajik Vivek Ki Shiksha – Shivratan Thanvi
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About the Author:
कभी अंग्रेजी शिक्षण में दीक्षित, मगर बाद में दीक्षा-प्रशिक्षा की रूढि पर ही सवाल उठाने वाले के रूप में जाने गए। लम्बे अरसे शिक्षा की दो पत्रिकाओं—शिविरा पत्रिका और नया शिक्षक/टीचर टुडे- का संपादन किया। सृजनरत शिक्षकों की रचनाओं के सामूहिक प्रकाशन का सिलसिला भी चलाया। गिजुभाई और दयालजी मास्साब से लेकर इवान इलिच, जॉन होल्ट और पावलो फ्रेरे आदि के शैक्षिक विचारों पर चर्चा छेड़ी, बहसें चलाईं। पठन-पाठन और स्वाध्याय के हिमायती। देश में शिक्षा का साहित्य से रिश्ता जोड़ने वालों में अगुआ। पढ़ते ज्यादा, लिखते कम हैं। ‘आज की शिक्षा कल के सवाल’ और ‘सामाजिक विवेक की शिक्षा’ चर्चित प्रकाशन। राजस्थानी, बांग्ला, गुजराती और अंग्रेजी से हिन्दी में छिटपुट अनुवाद भी किए हैं। साहित्य और संगीत के रसिक।
ISBN | 9789380441313 |
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Author | Shivratan Thanvi |
Binding | Hardcover |
Pages | 184 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Vagdevi |
Language | Hindi |
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