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  • Nainon Beech Nabi By Pratyaksha, Mohan Rana

    Nainon Beech Nabi By Pratyaksha, Mohan Rana
    नैनों बीच नबी – प्रत्यक्षा, मोहन राणा

    नैनों बीच नबी’ यह पुस्तक हिन्दी साहित्य के परिदृश्य में एक अनूठा, नया और अपने तरह का अकेला प्रयास है। एक कवि और एक कथाकार के बीच का सर्जनात्मक संवाद। यह पुस्तक अपने कलेवर में बिल्कुल अलहदा पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है।

    224.00249.00
  • Jaise Amrood Ki Khushboo By Gyanranjan

    Jaise Amrood Ki Khushboo By Gyanranjan
    जैसे अमरूद की खुशबू – ज्ञानरंजन

    520.00650.00
  • Pavitra Paap By Sushobhit

    Pavitra Paap By Sushobhit

    “पवित्र पाप” सुशोभित द्वारा लिखित यह किताब स्त्री-पुरुष संबंध के समीकरणों पर एक विचार या यू कह लीजिए कि संवाद है। जिसे सिर्फ पढ़ना नहीं, उसपे अमल भी करना होगा।

    300.00400.00
  • Nainon Beech Nabi – Pratyaksha, Mohan Rana

    Nainon Beech Nabi – Pratyaksha, Mohan Rana

    110.00
  • Hukum Desh Ka Ikka Khota – Neelakshi Singh

    Hukum Desh Ka Ikka Khota – Neelakshi Singh

    हुकुम देश का इक्का खोटा चर्चित कथाकार नीलाक्षी सिंह की नवीनतम कृति है। यह कृति जीवन पर मँडराते मृत्यु और अनिश्चितता के संशय वाले सफर के बरक्स स्मृति, कल्पना और आत्मजिरह के सूतों से एक ऐसा विपर्यय रचती है जिससे होकर गुजरना ही नहीं, वहाँ बेमतलब रुक कर कुछ पल ठहर जाना भी पढ़ने वाले को खुशनुमा लगने लगता है।

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    234.00275.00
  • CINEMA SAPTAK By Aniruddha Sharma

    CINEMA SAPTAK By Aniruddha Sharma

     सिनेमा का आरम्भ से संगीत से गहरा, अविभाज्य नाता रहा है। जहाँ सिनेमा की सृजनात्मक समृद्धि और लोकप्रियता में गीत-संगीत की महती भूमिका रही है, वहीं सिनेमा ने भी गीत-संगीत के प्रसार को जनव्यापी बनाने में अहम योगदान दिया है।

    300.00375.00
  • Ghane Andhkar Men Khulti Khidki By Yadvendra

    घने अन्धकार में खुलती खिड़की ईरान के मौजूदा यथार्थ, जो कि काफ़ी डरावना है, की एक जीती-जागती तस्वीर पेश करती है। यादवेन्द्र की यह किताब न कहानी है न उपन्यास, फिर भी यह एक दास्तान है। तनिक भी काल्पनिक नहीं।
    पूरी तरह प्रामाणिक । सारे किरदार वह सब कुछ बयान करते हैं जो उन्होंने भुगता है और उन सबके अनुभव एक दुख को साझा करते हैं – यह दुख है मज़हबी कट्टरता के आतंक में जीने का दुख।

    510.00599.00
  • Ghane Andhkar Men Khulti Khidki By Yadvendra

    घने अन्धकार में खुलती खिड़की ईरान के मौजूदा यथार्थ, जो कि काफ़ी डरावना है, की एक जीती-जागती तस्वीर पेश करती है। यादवेन्द्र की यह किताब न कहानी है न उपन्यास, फिर भी यह एक दास्तान है। तनिक भी काल्पनिक नहीं।

    1,040.001,299.00