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  • Hinsa By Festis Iyayi

    प्रस्तुत उपन्यास ‘हिंसा’ में इयायी ने नाइजीरियाई समाज की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में व्याप्त हिंसा को उजागर किया है जो कहीं दृश्य तो कहीं अदृश्य रूप से समाज के उन तबकों को प्रभावित करती है जो आमतौर पर हाशिये पर हैं। वह तबका कितने स्तरों पर इसका प्रतिरोध करता है और सत्ताधारी वर्ग का एक हिस्सा कैसे उसकी प्रतिरोध क्षमता को नष्ट करने की साजिशों में लगा है, इसका सटीक चित्रण इस उपन्यास में मिलता है। इस उपन्यास का अनुवाद हिन्दी में आनन्द स्वरूप वर्मा द्वारा किया है।


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  • Panchtantra : Punarpath By Madhukar Upadhyay

    प्रस्तुत पुस्तक मधुकर उपाध्याय का पंचतन्त्र है, विष्णु शर्मा के पंचतन्त्र का अविकल अनुवाद नहीं। इसमें अपने समय, समाज के अनुरूप कथाओं का चयन है और चयनित कथाओं को प्रस्तुत किया गया है। यह इसी कारण आज के पाठकों और अध्येताओं के लिए अद्यतन और ज़रूरी टेक्स्ट बनता है। मधुकर उपाध्याय के चयन के आधार हैं-धन, प्रबन्ध, नीति, रणनीति। ये आधुनिक जीवन के अनिवार्य प्रसंग हैं।


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  • Do Gaz Ki Duri By Mamta Kalia-Paperback

    दो गज़ की दूरी’ वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।

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  • Kal ki Baat : Shadaj By Prachand Praveer

    लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी हैं।

    382.00449.00
  • Kal ki Baat : Rishabh By Prachand Praveer

    लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुयी आज के दौर की साक्षी है। कहानीकार, उसके खुशमिजाज सहकर्मी, आस-पड़ोस में रहने वाले चुलबुले बच्चे, भारतीय समाज में रचे-बसे गीत और कविताएँ पारम्परिक मूल्यों के साथ विविधता में बने रहते हैं।

    382.00449.00
  • Kartik Ki Kahani by Piyush Daiya

    कार्तिक की कहानी – पीयूष दईया 

    ‘कार्तिक की कहानी’ दरअसल उत्तराखण्ड के अन्तर्वर्ती क्षेत्र, उसके जटिल परिवेश, दुर्गमता और उसकी आपदाओं की कहानी है। यह कहानी भूकम्प से जूझने और अपने को बचाने की भी है। संवेदनशील और सृजनशील शिक्षकों और उनके विद्यार्थियों के संयुक्त मोर्चे की कहानी है, जिसमें वे दृष्टिवान तरीक़े से आम ग्रामीणों को जोड़ते हैं। यह कहानी से ज़्यादा हिमालय का यथार्थ है। कार्तिक का पहला शिक्षक उसका परिवेश है। उसके दोस्त अरिन, आकाश, ऋचा तथा अन्य एक दूसरे से सीखते हैं। ये बच्चे बहुत से कठिन सवाल पूछते हैं। जैसे कि बड़े लोग ही उनका पाठ्यक्रम क्यों बनाते हैं? क्यों गाँव में मोबाइल आ गया है पर बिजली नहीं आयी ? उनके चारों ओर का परिवेश और शिक्षक इन बच्चों को समझदार बनाते हैं। सृजनशीलता का स्त्रोत भी इस माहौल में फूट पड़ता है। तैयारी, समझदारी तथा सामूहिकता बोध से वे आपदा से सबको बचाने के तरीके ढूँढ़ लेते हैं।


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  • Patthalgadi Aur Anay Kahaniyan by Kamlesh

    पत्थलगड़ी और अन्य कहानियाँ

    कमलेश की कहानियों में अगर प्रेमचन्द का वैचारिक ताप है, तो रेणु का लोकरंग भी उसी ठाठ के साथ मौजूद है। इन कहानियों से गुजरने का अर्थ है उस भारत की आत्मा से साक्षात्कार जिसे सायास नेपथ्य में धकेल दिया गया है। ये कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक ऐसा आह्वान है, जिसे अनसुना नहीं किया जा सकता।


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  • Patthalgadi Aur Anay Kahaniyan by Kamlesh

    कमलेश की कहानियों में अगर प्रेमचन्द का वैचारिक ताप है, तो रेणु का लोकरंग भी उसी ठाठ के साथ मौजूद है। इन कहानियों से गुजरने का अर्थ है उस भारत की आत्मा से साक्षात्कार जिसे सायास नेपथ्य में धकेल दिया गया है। ये कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक ऐसा आह्वान है, जिसे अनसुना नहीं किया जा सकता।


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  • Vilopan by Shailendra Sagar (Paperback)

    Vilopan by Shailendra Sagar

    विलोपन की कहानियाँ ऐसी दुनिया की नब्ज पर उँगली रखती हैं जिसमें सब कुछ जल्दी से जल्दी पा लेना है। करियर की भागदौड़, निर्मम प्रतिस्पर्धा, अनाम-शनाप खर्च और उपभोक्तावाद ने ऐसी दुनिया बनायी है जहाँ किसी के व्यक्तिगत सुख-दुख, राग-विराग और रिश्ते-नातों से कोई सरोकार नहीं। ये कहानियाँ बहुत कुछ को दर्ज करती हैं जो ज़िन्दगी की आपाधापी में और बदलती दुनिया में लोप हो रहा है।

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