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Hinsa By Festis Iyayi
प्रस्तुत उपन्यास ‘हिंसा’ में इयायी ने नाइजीरियाई समाज की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में व्याप्त हिंसा को उजागर किया है जो कहीं दृश्य तो कहीं अदृश्य रूप से समाज के उन तबकों को प्रभावित करती है जो आमतौर पर हाशिये पर हैं।
₹799.00 -
Panchtantra : Punarpath By Madhukar Upadhyay
प्रस्तुत पुस्तक मधुकर उपाध्याय का पंचतन्त्र है, विष्णु शर्मा के पंचतन्त्र का अविकल अनुवाद नहीं। इसमें अपने समय, समाज के अनुरूप कथाओं का चयन है और चयनित कथाओं को प्रस्तुत किया गया है।
₹550.00 -
Do Gaz Ki Duri By Mamta Kalia-Paperback
दो गज़ की दूरी’ वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।
₹199.00 -
Kal ki Baat : Shadaj By Prachand Praveer
लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी हैं।
₹449.00 -
Kal ki Baat : Rishabh By Prachand Praveer
लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुयी आज के दौर की साक्षी है। कहानीकार, उसके खुशमिजाज सहकर्मी, आस-पड़ोस में रहने वाले चुलबुले बच्चे, भारतीय समाज में रचे-बसे गीत और कविताएँ पारम्परिक मूल्यों के साथ विविधता में बने रहते हैं।
₹449.00 -
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Patthalgadi Aur Anay Kahaniyan by Kamlesh
Patthalgadi Aur Anay Kahaniyan by Kamlesh
कमलेश की कहानियों में अगर प्रेमचन्द का वैचारिक ताप है, तो रेणु का लोकरंग भी उसी ठाठ के साथ मौजूद है। इन कहानियों से गुजरने का अर्थ है उस भारत की आत्मा से साक्षात्कार जिसे सायास नेपथ्य में धकेल दिया गया है। ये कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक ऐसा आह्वान है, जिसे अनसुना नहीं किया जा सकता।₹250.00 -
Patthalgadi Aur Anay Kahaniyan by Kamlesh
कमलेश की कहानियों में अगर प्रेमचन्द का वैचारिक ताप है, तो रेणु का लोकरंग भी उसी ठाठ के साथ मौजूद है। इन कहानियों से गुजरने का अर्थ है उस भारत की आत्मा से साक्षात्कार जिसे सायास नेपथ्य में धकेल दिया गया है। ये कहानियाँ मनुष्यता के पक्ष में एक ऐसा आह्वान है, जिसे अनसुना नहीं किया जा सकता।
₹475.00 -
Vilopan by Shailendra Sagar (Paperback)
Vilopan by Shailendra Sagar
विलोपन की कहानियाँ ऐसी दुनिया की नब्ज पर उँगली रखती हैं जिसमें सब कुछ जल्दी से जल्दी पा लेना है। करियर की भागदौड़, निर्मम प्रतिस्पर्धा, अनाम-शनाप खर्च और उपभोक्तावाद ने ऐसी दुनिया बनायी है जहाँ किसी के व्यक्तिगत सुख-दुख, राग-विराग और रिश्ते-नातों से कोई सरोकार नहीं। ये कहानियाँ बहुत कुछ को दर्ज करती हैं जो ज़िन्दगी की आपाधापी में और बदलती दुनिया में लोप हो रहा है।
₹299.00