साहित्य की सर्जना में गुणवत्ता का समावेश सेतु प्रकाशन का मूल ध्येय है।

In the year 2018, Setu Prakashan emerged as a visionary effort in the field of book publishing. Setu Prakashan, rapidly emerging in the hindi publishing world, is an innovative and serious effort to publish out-of-the-box books. Setu Prakashan is a bridge that makes all disciplines of knowledge accessible to hindi speaking readers and this is the goal with which Setu Prakashan is moving forward. Excellent content and world class production is the hallmark of Setu Prakashan. In just the third year of its inception, Setu Prakashan published more than 150 rich titles and is determined to bring best to its readers. The trust and reliance Setu Prakashan has earned in such a short span of time is the main driving force of its journey.

Setu Prakashan has got the honor of publishing the most eminent writers of Hindi. The trust shown by our authors is the biggest asset to Setu Prakashan. Esteemed writers like Ashok Bajpai, Gyanendrapati, Madan Kashyap, Mangalesh Dabral, Vishnu Khare, Nand kishore Acharya, Swayam Prakash, Sanjeev, Jaya Jadwani along with many young writers give pride to the catalogue of Setu Prakashan. The list of Setu Prakashan is both diverse and rich in interest. Some of the best story collections, novels, plays, criticism, biography, memoirs, dialogues etc., as well as books on art, culture, philosophy, history and education have been published by Setu Prakashan. This journey is continuous.

Setu Prakashan carries the proud legacy of Vagdevi Prakashan as a major achievement in the year 2021. Now we are Setu Prakashan Group along with Setu Prakashan, Sarjana and Vagdevi Prakashan.

Established in the year 1986 under the great leadership of Shri Deepchand Sankhla, Vagdevi Prakashan has completed 35 years of its journey and is moving ahead strongly.

A visionary and generous man, who keeps social and human concerns paramount, Deepchand Sankhla laid a strong foundation for Vagdevi Prakashan. Today, after three decades, Vagdevi Prakashan is a trusted name in the Hindi publishing world with its long and strong legacy.  Vagdevi Prakashan provides quality books to the readers at the lowest rates. Very popular among readers, Vagdevi Prakashan is full of diversity. From literature, art, culture and sociology to pedagogy and a vast amount of books for children.

Vagdevi Prakashan is a proud publisher of eminent Indian authors. Premchand, Jaishankar Prasad, Nazir Akbarabadi, Sheen Kaf Nizam, Sachchidanand Hiranand Vatsyayan ‘Agney’, Nirmal Verma, Rameshchand Shah, Krishna Baldev Vaid, Vijaydan Detha, Mahendra Bhalla, Mani Madhukar, Pankaj Bisht, M.N. Rai, Dharmapal, JP Naik, Sachchidanand Sinha, etc. Along with this, excellent translations of famous authors like Boris Pasternak, Joseph Konrad, H. G. Wells, Pär Lagerkvist are also published and very popular by Vagdevi Prakashan. Vagdevi has made the work of the great Indian educationist Gijubhai easily available to Hindi readers.

Setu Prakashan Group is a prestigious and well-known enterprise running on the philosophy of:

“Janata ka, Janata ke liye

The source of its continuity is the faith of the public.

Setu Prakashan has and will keep publishing quality works abiding by our principles and philosophy, aiming to always deliver satisfaction to our customers.


सन् 2018 में पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में एक स्वप्नदर्शी प्रयास के रूप में सेतु प्रकाशन सामने आया। हिन्दी प्रकाशन जगत् में तीव्रता से उभरता सेतु प्रकाशन लीक से हटकर पुस्तकों के प्रकाशन का एक नवाचारी और गम्भीर प्रयास है। ज्ञान की समस्त शाखाओं को हिन्दी भाषी पाठकों तक सुगमता से पहुँचाने का सेतु है सेतु प्रकाशन और इसी ध्येय से सेतु प्रकाशन आगे बढ़ रहा है। स्तरीय विषयवस्तु एवं विश्वस्तरीय उत्पादन सेतु प्रकाशन की पहचान है। सेतु प्रकाशन पाठकों तक सर्वश्रेष्ठ पहुँचाने के लिए कृतसंकल्प है। यही कारण है कि अपने आरम्भ के मात्र तीसरे साल में सेतु प्रकाशन 150 से अधिक समृद्ध शीर्षकों के साथ अबाध गति से आगे बढ़ रहा है। इतने कम समय में सेतु प्रकाशन ने पाठकों का जो भरोसा और विश्वास अर्जित किया है, वह उसकी यात्रा का केन्द्रीय वाहक है।

सेतु प्रकाशन को हिन्दी के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों को प्रकाशित करने का गौरव प्राप्त हुआ है। लेखकों का सेतु प्रकाशन पर दिखाया गया भरोसा ही सेतु प्रकाशन की सबसे बड़ी पूँजी है। अशोक वाजपेयी, ज्ञानेन्द्रपति, मदन कश्यप, मंगलेश डबराल, विष्णु खरे, नन्दकिशोर आचार्य, स्वयं प्रकाश, संजीव, जया जादवानी सरीखे वरिष्ठ रचनाकारों के साथ-साथ अनेक युवा रचनाकार सेतु प्रकाशन के सूचीपत्र को गौरव प्रदान करते हैं। सेतु प्रकाशन की सूची में विविधता और रूचि सम्पन्नता दोनों हैं। बेहतरीन कहानी संग्रह, उपन्यास, नाटक, आलोचना, जीवनी, संस्मरण, संवाद आदि के साथ-साथ कला, संस्कृति, दर्शन, इतिहास व अनुशासनों की पुस्तकें सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हैं, यह क्रम निरन्तर अग्रसित एवं तीव्रगामी है।

सन् 2021 में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सेतु प्रकाशन ने वाग्देवी प्रकाशन की गौरवपूर्ण विरासत को धारण किया। अब सेतु प्रकाशन, सर्जना और वाग्देवी प्रकाशन के साथ सेतु प्रकाशन समूह है।

श्री दीपचन्द सांखला के कुशल नेतृत्व में सन् 1986 में स्थापित वाग्देवी प्रकाशन अपनी यात्रा के 35 वर्ष पूरे कर चुका है और सुदृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।

उदारमना, सामाजिक व मानवीय सरोकारों को सर्वोपरी रखने वाले, अपनी धुन के पक्के व स्वप्नदर्शी दीपचन्द सांखला ने वाग्देवी प्रकाशन की मजबूत नींव रखी। आज तीन दशकों बाद वाग्देवी प्रकाशन अपनी दीर्घ और सुदृढ़ विरासत के साथ हिन्दी प्रकाशन जगत् का विश्वसनीय नाम है। उच्चकोटि की गुणवत्ता और श्रेष्ठ पुस्तकों को न्यूनतम दरों पर पाठकों के लिए उपलब्ध कराने में वाग्देवी प्रकाशन का कोई सानी नहीं। पाठकों में बेहद लोकप्रिय वाग्देवी प्रकाशन विविधता से परिपूर्ण है। साहित्य, कला, संस्कृति और समाजशास्त्र से लेकर शिक्षाशास्त्र और बालकों व किशोरों के लिए विपुल मात्रा में पुस्तकों का कोष वाग्देवी प्रकाशन में उपलब्ध है।

वाग्देवी प्रकाशन दिग्गज भारतीय लेखकों को प्रकाशित करने वाला गौरवशाली प्रकाशन है। प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, नज़ीर अकबराबादी, शीन काफ़ निज़ाम, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, निर्मल वर्मा, रमेशचन्द शाह, कृष्ण बलदेव वैद, विजयदान देथा, महेन्द्र भल्ला, मणि मधुकर, पंकज बिष्ट, एम. एन. राय, धर्मपाल, जे.पी.नाईक, सच्चिदानन्द सिन्हा सरीखे प्रख्यात रचनाधर्मी लेखकों दार्शनिकों की पुस्तकें वाग्देवी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित व प्रशंसित है। साथ ही बोरिस पास्तरनाक, जोसेफ कोनराड, एच जी वेल्स, पेर लागरक्विस्त जैसे प्रसिद्ध नामों के बेहतरीन अनुवाद भी वाग्देवी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित व बेहद प्रचलित हैं। महान भारतीय शिक्षाशास्त्री गिजुभाई को भी हिन्दी पाठकों के लिए सहज उपलब्ध कराने का कार्य वाग्देवी ने किया है।

सेतु प्रकाशन समूह जनता का, जनता के लिए के दर्शन पर चलने वाला प्रतिष्ठित और ख्यातिलब्ध उपक्रम है। जनता से मिला प्यार ही इसकी निरन्तरता का स्त्रोत है।

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सेतु प्रकाशन हिंदी भाषा में प्रकाशन के लिए लेखन की सभी विधाओं व शैलियों की मूल पांडुलिपियों को स्वीकार करता है। पाण्डुलिपि भेजने के लिए दिशा- निर्देश इस लिंक पर उपलब्ध हैं।

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