Des Des Pardes – Shriprakash Shukla

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Des Des Pardes – Shriprakash Shukla

कवि-आलोचक श्रीप्रकाश शुक्ल के यात्रा-संस्मरणों की पुस्तक देस देस परदेस हमारे जीवन की एकरसता और एकतानता को तोड़ती है।

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कवि-आलोचक श्रीप्रकाश शुक्ल के यात्रा-संस्मरणों की पुस्तक देस देस परदेस हमारे जीवन की एकरसता और एकतानता को तोड़ती है। हमें अनजान परिवेश, सन्दर्भ और व्यक्तियों से जोड़ती है। भिन्न भूदृश्यों, भिन्न संस्कृतियों और भिन्न समाजों से रूबरू कराती है।

About the Author:

जन्म : 18 मई 1965 को सोनभद्र जिले के बरवाँ गाँव में। शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी.। प्रकाशित कृतियाँ : कविता-संग्रह : अपनी तरह के लोग, जहाँ सब शहर नहीं होता, बोली बात, रेत में आकृतियाँ, ओरहन और अन्य कविताएँ, कवि ने कहा, क्षीरसागर में नींद; आलोचना : साठोत्तरी हिन्दी कविता में लोक सौन्दर्य, नामवर की धरती, हजारीप्रसाद द्विवेदी : एक जागतिक आचार्य और महामारी और कविता; भक्त कवि रविदास की कविताओं का चयन राग रविदास नाम से; सम्पादन : साहित्यिक पत्रिका परिचय का सम्पादन। कई कविताओं का अंग्रेजी, पंजाबी, मराठी और मलयाली भाषाओं में अनुवाद। पुरस्कार : कविता के लिए बोली बात संग्रह पर वर्तमान साहित्य का मलखानसिंह सिसोदिया पुरस्कार, रेत में आकृतियाँ नामक कविता-संग्रह पुरस्कार, ओरहन और अन्य कविताएँ नामक कविता-संग्रह के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का विजयदेव नारायण साही कविता पुरस्कार। वर्तमान में बी.एच.यू. के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं तथा भोजपुरी अध्ययन केंद्र, बी.एच.यू. के समन्वयक हैं।

SKU: des-des-pardes-shriprakash-shukla
Category:
ISBN

9788196187941

Author

Shriprakash Shukla

Binding

Paperback

Publication date

25-02-2023

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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