Hardevi Ki Yatra- Hardevi Edited By Garima Srivastva
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Hardevi Ki Yatra- Hardevi Edited By Garima Srivastva
औपनिवेशिक भारत में विशेषकर उन्नीसवीं सदी के दौरान ब्रिटेन से भारत आने वाली स्त्रियों के बहुत से यात्रा-वृत्तान्त हमें मिलते हैं जिनमें तत्कालीन यूरोप और औपनिवेशिक भारत के चित्र, उनके स्वानुभूत अनुभव चित्रित हैं।
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औपनिवेशिक भारत में विशेषकर उन्नीसवीं सदी के दौरान ब्रिटेन से भारत आने वाली स्त्रियों के बहुत से यात्रा-वृत्तान्त हमें मिलते हैं जिनमें तत्कालीन यूरोप और औपनिवेशिक भारत के चित्र, उनके स्वानुभूत अनुभव चित्रित हैं। हरदेवी के नाम से जो रचनाएँ मिलती हैं उनमें दो यात्रा-वृत्तान्तों के अतिरिक्त स्त्री विलाप, हुक्मदेवी, स्त्रियों पै सामाजिक अन्याय हैं। प्रस्तुत पुस्तक श्रीमती हरदेवी के यात्रा- वृत्तान्त के संकलन और पुनर्प्रस्तुतीकरण का प्रयास है। हरदेवी की लन्दन यात्रा और लन्दन जुविली पुस्तकें ब्रिटिश लाइब्रेरी, लन्दन से प्राप्त हुई हैं।
About the Author:
गरिमा श्रीवास्तव जेएनयू के भारतीय भाषा केन्द्र में बतौर प्रोफ़ेसर कार्यरत । साहित्य और समाजविज्ञान की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ प्रकाशित । प्रो. गरिमा श्रीवास्तव ने युद्ध और युद्ध के बाद की स्थितियों को स्त्रीवादी नजरिये से देखने का प्रयास किया है। एक उपन्यास आउश वित्ज़ : एक प्रेमकथा सहित दर्जनों पुस्तकों का लेखन और सम्पादन। इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं- चुप्पियाँ और दरारें, हिन्दी नवजागरण : इतिहास गल्प और स्त्री प्रश्न, देह ही देश, हिन्दी उपन्यासों में बौद्धिक विमर्श, उपन्यास का समाजशास्त्र, वामाशिक्षक आदि।
ISBN | 9788196234782 |
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Author | HARDEVI |
Binding | Paperback |
Pages | 200 |
Publication date | 25-02-2023 |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
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