Kal ki Baat : Gandhaar by Prachand Praveer

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लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुयी आज के दौर की साक्षी है। 

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लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुयी आज के दौर की साक्षी है। कहानीकार, उसके खुशमिजाज सहकर्मी, आस-पड़ोस में रहने वाले चुलबुले बच्चे, भारतीय समाज में रचे-बसे गीत और कविताएँ पारम्परिक मूल्यों के साथ विविधता में बने रहते हैं। कई बार छोटी-छोटी बातों में गहरी बात छुपी होती है, ऐसी ही है कल की बात ! इसे पढ़ कर आप भी कह उठेंगे कि ये मेरी भी कहानी है। कल की बात हमारी ही तो बात है! ‘कल की बात : गान्धार’ इस लघुकथा संकलन शृंखला की तीसरी कड़ी है।

About Author

प्रचण्ड प्रवीर : बिहार के मुँगेर जिले में जन्म। सन्‌ 2005 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से रासायनिक अभियान्त्रिकी में प्रौद्योगिकी स्नातक की उपाधि ग्रहण की। सन्‌ 2010 में पहला उपन्यास ‘अल्पाहारी गृहत्यागी : आई.आई.टी. से पहले’ ने कई युवा लेखकों को प्रेरित किया। सन्‌ 2016 में ‘अभिनव सिनेमा’ (रस सिद्धान्त के आलोक में विश्व सिनेमा का परिचय) ने सिने अध्ययन को नयी दिशा दी। सन्‌ 2016 में ही पहला कथा-संग्रह ‘जाना नहीं दिल से दूर’। पहला अँग्रेजी कहानी-संग्रह ‘भूतनाथ मीट्स भैरवी’ सन्‌ 2017 में प्रकाशित हुआ। राशियों के नाम पर चर्चित कहानियों के संग्रह ‘उत्तरायण’ व ‘दक्षिणायन’ दो खण्डों में सन्‌ 2019 में और सन्‌ 2021 में बहुचर्चित पुस्तक ‘अभिनव सिनेमा’ का अँग्रेजी अनुवाद ‘सिनेमा थ्रू रसा’ प्रकाशित हुआ।

SKU: kal-ki-baat-gandhaar
Category:
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ISBN

9789391277116

Author

Prachand Praveer

Binding

Hardcover

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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