Wah Saal Bayalis Tha By Rashmi Bhardwaj (PaperBack)
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वह साल बयालीस था’ एक तहदार उपन्यास है जिसमें रूप और रूद्र के दारुण प्रेम के अलावा भी बहुत कुछ है। उपन्यास सन् बयालीस के कालखण्ड को सजीव करता है जहाँ आज़ादी के संघर्ष के नेपथ्य के दो प्रेमियों की धड़कनें भी शामिल हैं। आज़ादी की तड़प, साम्प्रदायिक विभाजन, प्रेम के बदलते स्वरूप और युवा पीढ़ी के लिए उसके बदलते मयाने।
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वह साल बयालीस था’ एक तहदार उपन्यास है जिसमें रूप और रूद्र के दारुण प्रेम के अलावा भी बहुत कुछ है। उपन्यास सन् बयालीस के कालखण्ड को सजीव करता है जहाँ आज़ादी के संघर्ष के नेपथ्य के दो प्रेमियों की धड़कनें भी शामिल हैं। आज़ादी की तड़प, साम्प्रदायिक विभाजन, प्रेम के बदलते स्वरूप और युवा पीढ़ी के लिए उसके बदलते मयाने।
About Author
रश्मि भारद्वाज, जन्म तिथि:11 अगस्त, शिक्षा • अँग्रेजी साहित्य से एम.फिल, पी.एच.डी.
- भारतीय विद्या भवन, नयी दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा,
कार्य अनुभव - वर्तमान में वाणी प्रकाशन में प्रधान संपादक
- अलाव: एक साझा सपना/ विमेंस कलेक्टिव, स्त्री रचनाधर्मिता पर आधारित पत्रिका का संपादन
- दैनिक जागरण, आज आदि प्रमुख समाचार पत्रों में रिपोर्टर और सब – एडिटर के तौर पर कार्य का चार वर्षों का अनुभव
- प्रतिष्ठित पत्र –पत्रिकाओं में विविध विषयों पर आलेख, कविताएँ एवं कहानियाँ प्रकाशित। मुजफ्फरपुर दूरदर्शन,बिहारके लिए दो वर्षों तक स्क्रिप्ट राइटिंग और कार्यक्रम संचालन। रेडियो के लिए नाटक लेखन
- ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार -2016 द्वारा कविता संग्रह ‘एक अतिरिक्त अ’ प्रकाशित
ISBN | 9789392228407 |
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Author | Rashmi Bhardwaj |
Binding | Paperback |
Pages | 212 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
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