Saanp by Ratankumar Sambharia

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Saanp by Ratankumar Sambharia

`साँप` रत्नकुमार सांभरिया का उपन्यास है, जो हाशिए का जीवन जीने वाले खानाबदोश लोगों पर केन्द्रित है। इस कथानक पर यह हिन्दी का महत्त्वपूर्ण कार्य है। ये वो लोग हैं, जो आज भी स्थायी निवास और स्थायी रोज़गार के लिए जद्दोज़हद कर रहे हैं। इनमें कालबेलिया, करनट, मदारी आदि घुमन्तू समुदाय के लोग हैं।


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Description

`साँप` रत्नकुमार सांभरिया का उपन्यास है, जो हाशिए का जीवन जीने वाले खानाबदोश लोगों पर केन्द्रित है। इस कथानक पर यह हिन्दी का महत्त्वपूर्ण कार्य है। ये वो लोग हैं, जो आज भी स्थायी निवास और स्थायी रोज़गार के लिए जद्दोज़हद कर रहे हैं। इनमें कालबेलिया, करनट, मदारी आदि घुमन्तू समुदाय के लोग हैं।

 

About the Author:

रत्नकुमार सांभरिया दलित वंचित वर्ग के रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में इस वर्ग की पीड़ा, संत्रास और अस्थिर जीवन मुखर होकर अभिव्यक्त होता है। आज़ादी के इतने सालों बाद भी यह वर्ग फटेहाल और बदहाल है। सांभरिया का लेखन इसका प्रमाण है।

Additional information

ISBN

9789393758651

Author

Ratankumar Sambharia

Binding

Paperback

Pages

424

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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