Rujuwaat By Dr. Ashok Kelkar Trans. By Gorakh Thorat (Paperback)

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हिन्दी आलोचना में ऐसा बहुत कम है जो साहित्य के अलावा अन्य कलाओं और उनमें चरितार्थ सौन्दर्य-बोध और दृष्टि को हिसाब में लेता हो । भाषा, वाणी, साहित्य के सम्बन्ध और संवाद पर भी विचार कम हुआ है।

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हिन्दी आलोचना में ऐसा बहुत कम है जो साहित्य के अलावा अन्य कलाओं और उनमें चरितार्थ सौन्दर्य-बोध और दृष्टि को हिसाब में लेता हो । भाषा, वाणी, साहित्य के सम्बन्ध और संवाद पर भी विचार कम हुआ है। इस सन्दर्भ में मराठी के भाषा-चिन्तक और आलोचक अशोक केळकर को हिन्दी में प्रस्तुत करना आलोचना के लिए नये रास्ते खोलने और नयी सम्भावनाओं की खोज की ओर संकेत करने जैसा है। हमें यह कृति प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है ।

About the Author:

डॉ. अशोक रामचन्द्र केळकर (१९२९ – २०१४) अन्तरराष्ट्रीय भाषाविद् । भाषाविज्ञान के साथ-साथ आस्वाद-मीमांसा, चिह्न-मीमांसा, सांस्कृतिक मानवविज्ञान जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से भाषाविज्ञान और मानव विज्ञान में डॉक्टरेट। कुछ समय तक आगरा विश्वविद्यालय में बतौर सहायक प्राध्यापक डेक्कन कॉलेज, पुणे में भाषाविज्ञान के उन्नत अध्ययन केन्द्र में अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान के प्रोफ़ेसर के रूप में कार्य । भारतीय भाषा संस्थान (मैसूर), मराठी अभ्यास परिषद् (पुणे) तथा राज्य मराठी विकास संस्थान की स्थापना में अहम योगदान । परिषद् की त्रैमासिक पत्रिका लैंग्वेज एण्ड लाइफ तथा मराठी की भाषा आणि जीवन पत्रिका का सम्पादन । प्राचीन भारतीय साहित्य मीमांसा, मराठी भाषेचा आर्थिक संसार, भेदविलोपन – एक आकलन, वैखरी : भाषा आणि भाषा व्यवहार आदि लोकप्रिय मराठी ग्रन्थ । त्रिवेणी: भाषा-साहित्य- संस्कृति उनका हिन्दी ग्रन्थ। द फ़ोनोलॉजी एण्ड मॉर्फोलॉजी ऑफ़ मराठी, स्टडीज इन हिन्दी-उर्दू लैंग्वेज इन ए सेमियोटिक पर्सपेक्टिव, फ्रॉम ए सेमियोटिक पॉइंट ऑफ़ व्यू : कलेक्शन बुक ऑफ़ स्टोरीज आदि अँग्रेजी ग्रन्थ ।

SKU: rujuwaat-By Dr. Ashok Kelkar-Paperback
Category:
ISBN

9788196134938

Author

Dr. Ashok Kelkar Trans. By Gorakh Thorat

Binding

Paperback

Pages

632

Publication date

25-02-2023

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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