Indian Poetry

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  • Meri Yatna Ke Ant Main Ek Darwaza Tha – Rashmi Bhardwaj

    विश्व की बारह स्त्री कवियों द्वारा लिखी गयी चुनिन्दा कविताओं के अनुवाद का प्रस्तुत संचयन हिन्दी में अपनी तरह का पहला संग्रह है। यहाँ प्रत्येक कवि अपने काव्य की चारित्रिक विशेषताओं के साथ उपस्थित है, और समग्रतः स्त्री-विश्व का ऐसा दृश्यालेख भी, जो मनुष्यत्व से अभिन्न व जीवनमय है।

    रश्मि भारद्वाज ने पहले कवि और उपन्यासकार के रूप में अपनी सार्थक व सफल पहचान बनायी और अब इस संचयन से वे एक अनुपम अनुवादक की तरह भी जानी जाएँगी; उन्होंने अनूदित कविताओं को हिन्दी में नया जीवन प्रदान किया है।
    – पीयूष दईया
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    298.00350.00
  • Saand Se Yuddha Aur Maut Translation by Dr. Prabhati Nautiyal

    Saand Se Yuddha Aur Maut By Rederico Grcia Lorea
    Translation by Prabhati Nautiyal

    297.00349.00
  • Ishwar Ka Dukh by Shambhu Naath

    Ishwar Ka Dukh by Shambhu Naath
    ईश्वर का दुख – शंभुनाथ

    ये मुश्किल समय की कविताएँ हैं। इनमें कुछ खोते जाने की पीड़ा और नागरिक भय के साथ असहमति की आवाजें हैं। ये ताकत द्वारा निर्मित मायावी दृश्यों से परे दबाये गये सत्य की अभिव्यक्तियाँ हैं। 2020-23 के बीच लिखी गयीं इन कविताओं में ‘प्रचलित’ और ‘प्रचारित’ के बाहर देखने का साहस लक्षित किया जा सकता है।

    आज जब हर तरफ शोर और वाग्जाल है, सबसे अधिक जरूरत शब्दों को बचाने की है। यह अनुभव की स्वतन्त्रता के साथ-साथ कुछ जरूरी मूल्यों को बचाना है और कृत्रिम सरहदों को लाँघना है। इस संकलन की कविताएँ वर्तमान दौर के दुख, घबराहट और निश्छल स्वप्नों में साझेदारी से जन्मी हैं। ‘हम-वे’ के उत्तेजक विभाजन के समानान्तर ये अ-पर के बोध से जुड़ी हैं। ये कविताएँ वस्तुतः सुन्दरता, स्वतन्त्रता और भाषा की नयी सम्भावनाओं की तलाश हैं।

    135.00150.00
  • Bhasha Mein Nahi By Sapna Bhatt

    सपना भट्ट की कविताओं से गुजरते हुए वाल्टर पीटर होराशियो का यह कथन कि ‘All art constantly aspires towards the condition of music’ बराबर याद आता है। समकालीन कविता में ऐसी संगीतात्मकता बिरले ही दिखाई पड़ती है। यह कविताएँ एक मद्धम सिम्फनी की तरह शुरू होती हैं, अन्तर्निहित संगीत और भाषा का सुन्दर वितान रचती हैं और संगीत की ही तरह कवि मन के अनन्त मौन में तिरोहित हो जाती हैं। पूरे काव्य में ध्वनि, चित्र, संकोच, करुणा, विनय और ठोस सच्चाइयाँ ऐसे विन्यस्त कि कुछ भी अतिरिक्त नहीं। यह कविताएँ ठण्डे पर्वतों और उपत्यकाओं के असीमित एकान्त के बीच से जैसे तैरती हुई हमारी ओर आती हैं। इन सुन्दर कविताओं में कामनाहीन प्रेम की पुकारें, रुदन, वृक्षों से झरती पत्तियाँ और इन सब कुछ पर निरन्तर गिरती बर्फ जैसे अनगिनत विम्ब ऐसे घुले मिले हैं कि चित्र और राग संगीत, एकसाथ कविताओं से पाठक के मन में कब चले आते हैं पता ही नहीं चलता। यह कविताएँ किस पल आपको अपने भीतर लेकर बदल देती हैं यह जानना लगभग असम्भव है।

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    234.00275.00
  • Samay Ka Pul By Sanjay Shandilya

    “तुमने दिया है ऐसा विस्तार कि कहीं भी महसूस किया जा सकता है मुझे
    दी है ऐसी गहराई कि कहीं तक डूबा जा सकता है मुझमें
    और ऐसी उदारता कि कुछ भी माँग लिया जा सकता है मुझसे
    तुमने दिया ही है इतना सारा- कि लगता है मैं ही आकाश हूँ समन्दर हूँ, हवा और धरती हूँ सूरज और चाँद और सितारा…
    – इसी पुस्तक से”

    213.00250.00
  • Akasmaat Ke Aagosh Mein BY Prabhat Tripathi

    Akasmaat Ke Aagosh Mein BY Prabhat Tripathi

    “प्रभात को अपने जीवन के समापन के निकट होने की मार्मिक संवेदना है :
    काश! मैं मर सकता असम्भव अकस्मात् के आगोश में
    यह संग्रह मर्म-मानवीयता-विडम्बना के साथ- साथ नश्वरता, हमारे समय के अन्तर्विरोधों के बीच सक्रिय-मुखर जिजीविषा का दस्तावेज़ है।
    रज़ा पुस्तक माला में इसे प्रकाशित करते हुए हमें प्रसन्नता है।
    – अशोक वाजपेयी”

    169.00199.00
  • Prem Ke Paksh Mein Prarthana By Kundan Siddhartha

    कुंदन सिद्धार्थ की कविता कम शब्दों में अपने तरक़्क़ीपसन्द मन्तव्यों की स्पष्ट, मार्मिक एवं सार्थक अभिव्यक्ति है। इन कविताओं के मूल में मानवीय संवेदन और उपचार में मानवीय सरोकार हैं। कवि के इस पहले संग्रह का हिन्दी जगत् में इसलिए भी स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि ये कविताएँ वे आँखें हैं जो जितना देखती हैं उससे कहीं अधिक हैं।

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    213.00250.00
  • Isiliye Bachi Hui Hai Prithvi Ab Tak By Anup Kumar

    इसलिए बची हुई है पृथ्वी अब तक

    इस संग्रह और इससे पूर्व की कविताएँ इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं कि अनूप कुमार सूक्ष्मतम पर्यवेक्षण और जीवनधर्मी विवेक के कवि हैं। उनकी कविताओं में अभिव्यक्त राजनीतिक चेतना यह संकेतित करती है कि वे जीवन और समाज में होने वाली गतिविधियों और घटनाओं को एकांगी दृष्टि से नहीं देखते। इसीलिए उनकी कविताएँ एकरैखिक न होकर बहुस्तरीय और संश्लिष्ट हैं। वे आपको विचलित करती हुई अवाक् कर देती हैं। आप एकाएक सन्नाटे में आ जाते हैं और सामने दीखती हुई चमक के पीछे की कालिमा आपकी पुतलियों के सामने….

    213.00250.00
  • Eekh Chusta Ishwar By Hemant Kukreti – Hardcover

    Eekh Chusta Ishwar By Hemant Kukreti

    323.00380.00
  • Muktigaatha Namdeo Dhasal (Paperback)

    Muktigaatha Namdeo Dhasal (Paperback)

    मुक्तिगाथा नामदेव ढसाल

    मराठी के विख्यात कवि नामदेव ढसाल की कविताओं के नये चयन का हिंदी अनुवाद में प्रकाशन एक महत्त्वपूर्ण घटना है। चयनकर्ता एवं अनुवादक सुपरिचित लेखक निशिकान्त ठकार हैं। पहले भी नामदेव ढसाल के बहुत प्रभावशाली चयन हिंदी में आए हैं। आज फिर इस नये चयन को पढ़ते हुए लगता है कि हर थोड़े अंतराल पर नये और किंचित् भिन्न अनुवादों के आने से लक्ष्य भाषा में नयी संपन्नता आती है; साथ ही एक बिल्कुल नये स्वर का हठात् प्रवेश उस भाषा को हिलोड़कर एक बार फिर अपना ही आत्म-परीक्षण करने को विवश करता है। नामदेव ढसाल के इस संकलन का इस समय प्रकाशन इसीलिए विशेष महत्त्व रखता है।

    234.00275.00
  • Kya Bane Baat – Leeladhar Mandloi (Hardcover)

    Kya Bane Baat – Leeladhar Mandloi – Hardcover

    प्रस्तुत पुस्तक लीलाधर मंडलोई का नवीन कविता संग्रह है। इस संग्रह की हर कविता चित्र, रंग, रेखा, संगीत के सही योग के लिए भटकते एक रंगनायक की सफल यात्रा है, जो रंग और शब्द से जो प्रे है उसकी खोज में निकला है।

    300.00400.00
  • Is Duniya Ko Sundar Banane Mein Laga Hoon – Mahesh Alok

    Is Duniya Ko Sundar Banane Mein Laga Hoon – Mahesh Alok

    इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ महेश आलोक का तीसरा कविता का संग्रह है। इन कविताओं का केन्द्रीय विषय है दुख, जिसके माध्यम से उन्होंने समाज को समझने, उसकी भीतरी गतिशीलता को रेखांकित करने और परिवर्तनों की और संकेत करने का बहुत सार्थक उपक्रम किया है।

    314.00349.00