Description
प्रस्तुत पुस्तक लीलाधर मंडलोई का नवीन कविता संग्रह है। इस संग्रह की हर कविता चित्र, रंग, रेखा, संगीत के सही योग के लिए भटकते एक रंगनायक की सफल यात्रा है, जो रंग और शब्द से जो प्रे है उसकी खोज में निकला है।
About the Author:
घर-घर घूमा
, रात-बिरात
, लिखे में दुक्ख
, भीजै दास कबीर
आदि कविता संग्रह प्रकाशित। अंग्रेजी, रुसी, बांग्ला, नेपाली, ओड़िया, मराठी, उर्दू, गुजराती और पंजाबी में कविता अनुवाद प्रकाशित। कबीर, पुश्किन, रज़ा नागार्जुन, वागीश्वरी, प्रमोद व साहित्यकार सम्मान से सम्मानित।
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