Adam ki Diary By Ajneya
₹157.00₹185.00
आदम की डायरी – अज्ञेय
In stock
About Author
(1911-1987) कशीनगर (देवरिया) में सन् 1911 में जन्म। पहले बारह वर्ष की शिक्षा पिता (डॉ. हीरानन्द शास्त्री) की देख-रेख में घर ही पर। आगे की पढाई मद्रास और लाहौर में। एम.ए. अंग्रेजी में प्रवेश किन्तु तभी देश की आजादी के लिए एक गुप्त क्रान्तिकारी संगठन में शामिल होना। शिक्षा में बाधा तथा सन् ’30 में बम बनाने के आरोप में गिरफ्तारी। जेल में रह कर ‘चिन्ता’ और ‘शेखर एक जीवनी’ की रचना। क्रमशः सन् ’36, ’37 में ‘सैनिक’, ‘विशाल भारत’ का सम्पादन। सन् ’43 से ’46 तक ब्रिटिश सेना में भर्ती। सन् ’47-’50 तक ऑल इण्डिया रेडियो में काम। सन् ’43 में ‘तार सप्तक’ का प्रवर्तन और सम्पादन। क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे सप्तक का सम्पादन। ‘प्रतीक’, ‘दिनमान’, ‘नवभारत टाइम्स’, ‘वाक्’, ‘एवरीमैन’ पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन से पत्रकारिता में नये प्रतिमानों की सृष्टि। अब तक उन्नीस काव्य-संग्रह, एक गीति-नाटक, चार उपन्यास, छः कहानी संग्रह, दो यात्रा संस्मरण, सात निबन्ध संग्रह आदि अनेक कृतियाँ प्रकाशित। देश-विदेश की अनेक यात्राएँ, जिन से भारतीय सभ्यता की सूक्ष्म पहचान और पकड़, विदेश में भारतीय साहित्य और संस्कृति का अध्यापन। कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित, जिन में ‘भारतीय ज्ञानपीठ’ सन् ’79, यूगोस्लाविया का अन्तर्राष्ट्रीय कविता सम्मान ‘गोल्डन राथ’ सन् ’83 भी शामिल। सन् ’80 से वत्सल निधि के संस्थापन और सचालन के माध्यम से साहित्य और संस्कृति के बोध निर्माण में कई नये प्रयोग।
SKU: | adam-ki-diary-by |
---|---|
Category: | story |
Tags: | Ajneya, hindi stories, kahani in hindi, kahanikaar, kahaniyan, story book, story book in hindi, कहानियों के नाम, कहानीकार के नाम |
ISBN | 8185127638 |
---|---|
Author | Ajneya |
Binding | Paperback |
Pages | 183 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Vagdevi |
Related products
-
Kal ki Baat : Shadaj By Prachand Praveer
लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी हैं।
₹449.00 -
-
Hinsa By Festis Iyayi
प्रस्तुत उपन्यास ‘हिंसा’ में इयायी ने नाइजीरियाई समाज की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में व्याप्त हिंसा को उजागर किया है जो कहीं दृश्य तो कहीं अदृश्य रूप से समाज के उन तबकों को प्रभावित करती है जो आमतौर पर हाशिये पर हैं।
₹799.00 -
Do Gaz Ki Duri By Mamta Kalia
दो गज़ की दूरी’ वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।
₹400.00 -
Vilopan by Shailendra Sagar (Paperback)
Vilopan by Shailendra Sagar
विलोपन की कहानियाँ ऐसी दुनिया की नब्ज पर उँगली रखती हैं जिसमें सब कुछ जल्दी से जल्दी पा लेना है। करियर की भागदौड़, निर्मम प्रतिस्पर्धा, अनाम-शनाप खर्च और उपभोक्तावाद ने ऐसी दुनिया बनायी है जहाँ किसी के व्यक्तिगत सुख-दुख, राग-विराग और रिश्ते-नातों से कोई सरोकार नहीं। ये कहानियाँ बहुत कुछ को दर्ज करती हैं जो ज़िन्दगी की आपाधापी में और बदलती दुनिया में लोप हो रहा है।
₹299.00 -
Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi (Paperback)
Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi
कविता पेंटिंग पेड़ कुछ नहीं – कैलाश बनवासीकैलाश बनवासी एक अत्यंत मूल्यवान गठरी पर बैठे हैं। छत्तीसगढ़, बस्तर, सरगुजा के अँधेरों में एक ऐसा मनुष्य करवट ले रहा है जिसका बीज मुक्तिबोध ने बोया था।
-
Band Kothari Ka Darwaja By Rashmi Sharma
इस संग्रह की कहानियाँ भिन्न जीवन-स्थितियों एवं भिन्न मनःस्थितियों की कहानियाँ हैं। मध्य वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न वर्ग, समान्त वर्ग सब हैं इन कहानियों में। कहानीकार यथार्थ रचने की प्रक्रिया में भी हैं। बन्द कोठरियों के दरवाजे खुल रहे हैं।
-
Be the first to review “Adam ki Diary By Ajneya”
You must be logged in to post a review.