Description
About the Author:
हृदयेश जोशी पत्रकार, लेखक, अनुवादक और घुमक्कड़ हैं। 2013 में उन्होंने केदारनाथ आपदा की व्यापक रिपोर्टिंग की और कई सालों से हिमालय से जुड़े मुद्दों पर लिख रहे हैं। यह केदारनाथ आपदा पर उनकी लिखी पुस्तक का दसवार्षिकी संस्करण है जो हिमालय के सामने खड़े विराट संकट को बताता है। हिमालय पर रस्किन बॉण्ड और नमिता गोखले द्वारा सम्पादित संकलन में दुनिया भर के नामी लेखकों के साथ हृदयेश की इसी पुस्तक के अंश भी शामिल किये गये हैं। इसके अलावा 2016 में उनका उपन्यास लाल लकीर प्रकाशित हुआ जो बस्तर में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच संघर्ष में फँसे आदिवासियों की कहानी है। हृदयेश ने बिल एटकिन की किताब फुटलूज़ इन द हिमालय का हिन्दी अनुवाद भी किया है जो 2022 में एटकिन का हिमालय नाम से प्रकाशित हुआ ।
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