Description
किसानिन जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेजों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन एतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।
About the Author:
दीप्ति प्रिया महरोत्रा राजनीति-शास्त्र में पी.एच.डी. और दर्शन-शास्त्र में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कर चुकी है। वे अनेक जनान्दोलनो, संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय और दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा में अध्यापक रहीं हैं। तीनमूर्ति फ़ेलोशिप के तहत उन्होंने जनान्दोलनो पर शोध किया।
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