Description
Kisanin Jaggi Devi : Swatantrata Ki Raah Par – Deepti Priya Mehrotra
‘किसानिन’ जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेज़ों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन ऐतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।
जग्गी देवी किसान आन्दोलन में शामिल रहीं। आजन्म आज़ादी की धुन में रची-बसी रहीं, किन्तु स्वतन्त्र भारत ने उनके सपनों, अस्तित्व व योगदान को पूरी तरह नज़रन्दाज़ कर दिया। फिर भी मरते दम तक यह जिंदादिल महिला आज़ादी की राह पर अपने कदम बढ़ाती रहीं। आइए कुछ पल इनके साथ हम भी हो लें !
About the Author:
दीप्ति प्रिया महरोत्रा राजनीति-शास्त्र में पी-एच.डी. और दर्शन-शास्त्र में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कर चुकी हैं। वे अनेक जनान्दोलनों, संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी हैं। फ़िलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में अंशकालीन अध्यापन और ‘सम्पूर्णा’ संस्था के तहत बाल-साहित्य और पाठ्य-पुस्तकों पर अध्ययन में जुटी हैं।
उनकी प्रकाशित कृतियों में शामिल हैं : भारतीय महिला आन्दोलन: कल, आज और कल (2001), एकल माँ : मौत भी तुमसे हारी है (2002), गुलाब बाई नौटंकी की मलका (2007), इरोम शर्मिला और मणिपुरी जनता की साहस यात्रा (2010)। वे हिन्दी के साथ-साथ अँग्रेजी में भी लिखती हैं। उनकी कृति ‘A passion for freedom: the story of kisanin Jaggi Devi’ इंदिरा गाँधी नेशनल सेण्टर फॉर आर्ट्स ने प्रकाशित की थी (2005, दूसरा संस्करण 2007)।


















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