Description
स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री के रूप में नेहरू ने अपनी जिम्मेदारियाँ निभायी थीं। देश को विज्ञान और तकनीकी का महत्त्व समझाया था। औद्योगिकीकरण की नींव रखी थी। कृषि सुधार के लिए अनेक उपाय- योजनाएँ की थीं। यह प्रयास किया था कि धार्मिक और साम्प्रदायिक भावनाएँ राष्ट्रीय एकता और प्रगति के आड़े न आएँ। उपलब्ध संसाधनों के साथ पाकिस्तान और चीन के आक्रमणों का धैर्यपूर्वक मुकाबला किया था। सामान्य मनुष्य को भी विज्ञाननिष्ठ बनाने का प्रयास किया था। संसद में प्रचण्ड बहुमत होने के बावजूद विरोधी पार्टी का आदर किया था। प्रत्येक महत्त्वपूर्ण नीतिसम्बन्धी बात स्वयं संसद को बतायी थी। संचार माध्यमों को भरोसे में लिया था। नये सिरे से स्वतन्त्र हो रहे राष्ट्रों को सहारा दिया था।…
About the Author:
नरेन्द्र चपळगावकर जन्म : 1938 मुम्बई उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश मराठी वैचारिक साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान | मराठी भाषा और साहित्य तथा विधि इन विषयों का अल्पकाल अध्यापन। ढाई दशक से अधिक समय तक वकालत और नौ साल न्यायाधीश। वर्धा में सम्पन्न 97वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता। 30 से अधिक पुस्तकों का लेखन। डॉ. गोरख थोरात जन्म : 1969 | डॉ. गोरख थोरात समकालीन हिन्दी अनुवादकों में एक चर्चित नाम है। हिन्दी में आपकी अनेक आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हैं, परन्तु आपकी पहचान बतौर एक अनुवादक बनी हुई है। इन्होंने हिन्दू–जीने का समृद्ध कबाड़, देखणी, जोगवा, बालगन्धर्व, तर्क के खूँटे से, और , आखिरकार, महात्मा, नदीष्ट समेत विविध विधाओं की बीस पुस्तकों का अनुवाद किया है। इनके अलावा रजा फाउण्डेशन, नयी दिल्ली के लिए चित्रमय भारत (चित्रकला), घरानेदार गायकी (संगीत), ‘रुजुवात (आलोचना) तथा पोत (स्थापत्य) आदि कला-सम्बन्धी रचनाओं का भी अनुवाद किया है।
Reviews
There are no reviews yet.