Description
भारत यायावर की ख्याति फणीश्वरनाथ रेणु के विशेषज्ञ के रूप में सुस्थापित है। उन्होंने जो जीवनी लिखने का उद्यम किया है, यह उसका पहला भाग है। यह विस्मयकारी है कि एक बड़े लेखक के जीवन में कितने और जीवन, कितने लोग, कितने भूगोल, कितनी स्मृतियाँ और इतिहास, कितने मर्म-प्रसंग मिल कर उसको सृजनसक्रिय और जिजीविषा-सम्पन्न बनाते हैं। एक सच्चे और अथक शोधार्थी की तरह यायावर जी ने ऐसे अनेक प्रसंग, ब्योरे आदि एकत्र किये हैं जो अन्यथा या तो अज्ञात थे या विस्मृत। रेणु का साहित्य विपुलता का साहित्य है और उसके अनुरूप इस जीवनी का विपुल होना सर्वथा उचित है। साहित्य के अलावा रेण का सक्रिय राजनैतिक-सामाजिक जीवन भी था, निजी जीवन के साथ-साथ। इस जीवनी में उन सभी तहों को समेटने की बड़ी उजली और ईमानदार कोशिश है। रज़ा पुस्तक माला में इस जीवनी का पहला भाग प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है। यह प्रकाशन रेणु-शती के दौरान हो रहा है यह भी बहुत सन्तोष का विषय है।
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