Us Golardh Se By Kavita
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हमारे समय की जरूरी और विश्वसनीय कथाकार कविता के नवीनतम कहानी-संग्रह उस गोलार्द्ध से की कहानियाँ समय, सभ्यता और सम्बन्धों की यात्रा में उपेक्षित रह गये या पीछे छूट गये किरदारों की जीवन्त, स्पर्शी और विश्वसनीय गवाहियाँ हैं।
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हमारे समय की जरूरी और विश्वसनीय कथाकार कविता के नवीनतम कहानी-संग्रह उस गोलार्द्ध से की कहानियाँ समय, सभ्यता और सम्बन्धों की यात्रा में उपेक्षित रह गये या पीछे छूट गये किरदारों की जीवन्त, स्पर्शी और विश्वसनीय गवाहियाँ हैं। इतिहास की कई छूटी और टूटी हुई कड़ियों को रिक्तिपूर्ति और संवादधर्मिता की रचनात्मक युक्ति से जोड़ने का सहज जतन करतीं इन कहानियों में लैंगिक बराबरी और प्रेम के उदात्तीकरण के स्वप्न नये आकार ग्रहण करते हैं। इन कहानियों के मूल में स्थित प्रेम स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के प्रचलित दायरे से निकलकर अस्मिता आधारित सम्बन्धों का एक ऐसा आधुनिक और तार्किक प्रारूप प्रस्तावित करता है जिसके आलोक में समाज और परिवार के तमाम पारम्परिक रिश्तों को पुनराविष्कृत किया जा सकता है।
About the Author:
मुजफ्फरपुर, बिहार में जन्मीं कविता पिछले ढाई दशकों से कहानी की दुनिया में सतत सक्रिय हैं। स्त्री जीवन के बारीक रेशों से बुनी स्वप्न और प्रतिरोध की सकारात्मक कहानियों के लिए जानी जाती हैं। आठ कहानी-संग्रह और दो उपन्यास प्रकाशित। इसके अतिरिक्त अनेक पुस्तकों का सम्पादन किया है। इन्हें अमृतलाल नागर कहानी पुरस्कार और स्पंदन सम्मान प्राप्त हुए हैं। इनकी कुछ कहानियों का अँग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
ISBN | 9788196234706 |
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Author | KAVITA |
Binding | Paperback |
Pages | 192 |
Publication date | 25-02-2023 |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
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इस संग्रह की कविताओं में वह सघन संवेदना और बौद्धिक बेचैनी है, जिसके माध्यम से आसिया जहूर कई स्तरों पर दुख और दमन को देखती और महसूस करती हैं। समय का दुख, समाज का दुख, और सबसे ऊपर स्त्री का दुख। लेकिन, उनकी कविता दुखों और संघर्षों की सहज अभिव्यक्ति मात्र नहीं है, वह मिथक, इतिहास, संस्कृति और लोकजीवन में गहरे प्रवेश करते हुए अपने दुख को महाकरुणा में रूपान्तरित कर देती है। वह करुणा ही है जो बुद्ध और यीशु के कई बार साधारण से लगने वाले शब्दों में भी असाधारण प्रभाव पैदा कर देती है। एक अच्छी कविता में जीवन की अभिप्रेरक अभिव्यक्ति तो होती है, लेकिन करुणा का ऐसा विस्तार दुर्लभ है। निस्सन्देह आसिया जहूर हमारे समय की एक अनोखी कवयित्री हैं। नये मिलेनियम की मेड्यूसा हैं, जो अपनी विवशता को शक्ति में बदल देती है, नये युग
की जुलेखा, जो फ़रिश्ते जिब्राईल के सामने सौदे से इनकार कर देती है। ‘युवा लड़की और वृद्ध चिनार की प्रेम कथा’ एक अद्भुत प्रेम कविता है। चिनार कश्मीर की प्रकृति और संस्कृति का मूर्त रूप है, जो एक युवा लड़की यानी, आज के समय की जूनी अर्थात् हब्बा ख़ातून से प्रेम कर रहा है। प्रेम का यह विस्तार उसी करुणा तक पहुँचता है, जो आसिया की कविता के केन्द्र में है।वह समय के संकट को व्यक्त करने के लिए हर बार मिथकों या पुराकथाओं का सहारा ही नहीं लेती बल्कि, कई बार क्रूर सच से सीधे टकराती है। लेकिन, यह याद रखते हुए कि कविता अन्ततः एक कला है। मेरी दादी बुनती थी…, गहन सैन्यीकृत क्षेत्र में… और मेरी बेटी के लिए… जैसी कविताओं में अतीत, वर्तमान और भविष्य (सम्भावित) के दमन और क्रूरता की अभिव्यंजना के बीच प्रतिरोध की वह ऊँचाई है, जिसके सामने बड़ा से बड़ा अत्याचारी शासक भी बौना दीखने लगता है। यह है कविता की ताक़त !– मदन कश्यप
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