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  • Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi (Paperback)

    Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi
    कविता पेंटिंग पेड़ कुछ नहीं – कैलाश बनवासी

    कैलाश बनवासी एक अत्यंत मूल्यवान गठरी पर बैठे हैं। छत्तीसगढ़, बस्तर, सरगुजा के अँधेरों में एक ऐसा मनुष्य करवट ले रहा है जिसका बीज मुक्तिबोध ने बोया था।

    180.00200.00
  • Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi

    Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi
    कविता पेंटिंग पेड़ कुछ नहीं – कैलाश बनवासी

    कैलाश बनवासी एक अत्यंत मूल्यवान गठरी पर बैठे हैं। छत्तीसगढ़, बस्तर, सरगुजा के अँधेरों में एक ऐसा मनुष्य करवट ले रहा है जिसका बीज मुक्तिबोध ने बोया था।

    396.00440.00
  • Maa, March Aur Mrityu By Sharmila Jalan

    Maa, March Aur Mrityu By Sharmila Jalan / माँ, मार्च और मृत्यु 


    “यहाँ मैं यह भी याद करता हूँ कि इन कहानियों के लेखक की मानसिकता संकीर्ण, अपाहिज और विभाजित नहीं है और वे औसत से औसत अनुभव को एक अलग रोशनी में, अपनी निगाहों से खुले हुए मन और मस्तिष्क से बिना किसी पूर्वग्रह से देखने के लिए प्रयत्नशील बनी रहती है। लेखक का इस तरह का प्रयत्न और प्रतिरोध भी लेखक की कुछ कहानियों में उस महत्वपूर्ण चीज़ को जन्म देता है जिसे टॉमस मान प्रिसिजन (precision) कहा करते थे। मैंने यहाँ लेखक की लचीली अविभाजित और स्वस्थ दृष्टि की बात इसलिए भी की है कि एक खुला हुआ दिमाग ही यह जान पाता है कि मानवीय समझ और मानवीय व्यवहार में ही कुछ ऐसे तत्त्व हमेशा शामिल रहते हैं जिनका सरलीकरण किया ही नहीं जा सकता है और अगर ऐसा किया जाए तब मानवीय स्थितियों को उसके समूचेपन में समझा ही नहीं जा सकता है, व्यक्त ही नहीं किया जा सकता है।

    इन कहानियों के लेखक की गहरी प्रश्नाकुलता भी है कि ये कहानियाँ न अपने परिवेशों और पात्रों का सरलीकरण करती हैं और न ही कहानियों में आती परिस्थितियों और प्रश्नों का। इन कहानियों का लेखक अपने भीतर इस समझ की गहरी पहचान लिये रहता है कि अच्छाई के भीतर बुराई का अंश छिपा रह सकता है और बुराई के भीतर अच्छाई का। और किसी भी लेखक के भीतर अच्छे-बुरे की संतुलित संवेदनशील और सच्ची समझ की सघन उपस्थिति बनी रहनी चाहिए।”


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    324.00360.00
  • Tark ke khunte se??? By Jayant Pawar

    Tark ke khunte se… By Jayant Pawar

    560.00699.00
  • Aur akhirkaar By Jayant Pawar

    और आखिरकार – जयंत पवार

    जयंत पवार की कहानियों में हमें बेहतरीन किस्म की किस्सागोई दिखाई देती है। बतियाने में जो सहजता होती है, अपनापा होता है, संक्षेप होता है, वह इन कहानियों में स्पष्टता से दिखाई देता है।


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    479.00599.00
  • Raag Virag Aur Anya Kahaniyan By Sharmila Jalan

    Raag Virag Aur Anya Kahaniyan By Sharmila Jalan
    राग विराग और अन्य कहानियां -शर्मिला बोहरा जालान

    252.00280.00
  • Beech Men Ek Bachcha By Shriram Verma

    Beech Men Ek Bachcha By Shriram Verma
    बीच में एक बच्चा – श्रीराम वर्मा

    120.00
  • Theatre By Ramesh Chander Shah

    Theatre By Ramesh Chander Shah

    144.00160.00
  • Usi Jungle samay mein By Hridayesh

    Usi Jungle samay mein By Hridayesh
    उसी जंगल समय में – हृदयेश (हृदय नारायण मेहरोत्रा)

    160.00
  • Ummid ki dusari surat By Jyotsna milan

    Ummid ki dusari surat By Jyotsna milan
    उम्मीद की दूसरी सूरत – ज्योत्सना मिलन

    100.00
  • Mozel – Saadat Hassan Manto

    मोज़ेल – मंटो की चयनित कहानियाँ।…
    सआदत हसन मंटो


    कथा संचयन वह बहैसिय्यते-इन्सान एक महबूब शख्सिय्यत का मालिक था और बहैसिय्यते-फ़नकार सदाक़त (सच्चाई) का अलमबरदार था।

    – अहमद नदीम कासमी (पाकिस्तान)

    मण्टो हमारा सब से बड़ा अफ़सानानिगार था। यह मुबालगा (अतिशयोक्ति) नहीं अगर मैं यह कहूँ कि मण्टो हमारा मोपासां है।

    – मुक्ताज शीरीं (पाकिस्तान)

    वह मण्टो उर्दू अदब का अकेला शंकर है जिसने ज़िन्दगी के जहर को खुद घोल कर पिया है और फिर उस के रंग को खोल खोल कर बयान किया है।

    – कृश्नचन्दर

    हक़ीक़त निगारी (यथार्थ वर्णन) तख़य्युल (कल्पना) का बुनियादी अमल है। मण्टो इस मामले में बेमिसाल है।

    – वारिस अल्वी

    मण्टो अव्वल व आख़िर एक बाग़ी था। वह हर शय जिसे DOXA या रूढ़ि कहा जाता है मण्टो उन सब का दुश्मन था।

    – गोपीचन्द नारंग

    मण्टो तो पैदा ही मरने के बाद हुआ। 

    – इस्मत चुरताई


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    153.00170.00
  • Lekhakee By Ashok Seksariya

    Lekhakee By Ashok Seksariya

    100.00
  • Adam ki Diary By Ajneya

    आदम की डायरी – अज्ञेय

    157.00185.00
  • Do Gaz Ki Duri By Mamta Kalia

    दो गज़ की दूरी’ वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।

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    340.00400.00
  • Band Kothari Ka Darwaja By Rashmi Sharma

    इस संग्रह की कहानियाँ भिन्न जीवन-स्थितियों एवं भिन्न मनःस्थितियों की कहानियाँ हैं। मध्य वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न वर्ग, समान्त वर्ग सब हैं इन कहानियों में। कहानीकार यथार्थ रचने की प्रक्रिया में भी हैं। बन्द कोठरियों के दरवाजे खुल रहे हैं।
    युवा कथाकार रश्मि शर्मा का नया कहानी संग्रह बंद कोठरी का दरवाजा आकर्षित करता है क्योंकि उसमें भाषा व शिल्प का कोई प्रपंच नहीं है, उसमें उसका प्रदर्शन नहीं है और उसमें कथ्य को अधिक महत्त्व दिया गया है। रश्मि की कई कहानियों में कई स्थलों पर उनकी भाषा बहुत सुंदर और काव्यात्मक भी हो जाती है और उसका शिल्प भी आकर्षित करता है लेकिन रश्मि शर्मा ने हर कहानी में अपने कथ्य को ही उभारने का प्रयास किया है।


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    234.00260.00
  • Ekchakranagri By Gyanendrapati

    एकचक्रानगरी ! यह काव्याख्यान अपनी संरचना में ही नाटकीय है; इसे पढ़ते हुए भी आप इसे अपने मन की आँखों के आगे मंचित होता महसूस कर सकते हैं।

    170.00200.00
  • Hinsa By Festis Iyayi

    प्रस्तुत उपन्यास ‘हिंसा’ में इयायी ने नाइजीरियाई समाज की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में व्याप्त हिंसा को उजागर किया है जो कहीं दृश्य तो कहीं अदृश्य रूप से समाज के उन तबकों को प्रभावित करती है जो आमतौर पर हाशिये पर हैं। वह तबका कितने स्तरों पर इसका प्रतिरोध करता है और सत्ताधारी वर्ग का एक हिस्सा कैसे उसकी प्रतिरोध क्षमता को नष्ट करने की साजिशों में लगा है, इसका सटीक चित्रण इस उपन्यास में मिलता है। इस उपन्यास का अनुवाद हिन्दी में आनन्द स्वरूप वर्मा द्वारा किया है।


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    679.00799.00
  • Panchtantra : Punarpath By Madhukar Upadhyay

    प्रस्तुत पुस्तक मधुकर उपाध्याय का पंचतन्त्र है, विष्णु शर्मा के पंचतन्त्र का अविकल अनुवाद नहीं। इसमें अपने समय, समाज के अनुरूप कथाओं का चयन है और चयनित कथाओं को प्रस्तुत किया गया है। यह इसी कारण आज के पाठकों और अध्येताओं के लिए अद्यतन और ज़रूरी टेक्स्ट बनता है। मधुकर उपाध्याय के चयन के आधार हैं-धन, प्रबन्ध, नीति, रणनीति। ये आधुनिक जीवन के अनिवार्य प्रसंग हैं।


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    440.00550.00
  • Do Gaz Ki Duri By Mamta Kalia-Paperback

    दो गज़ की दूरी’ वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।

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    212.00249.00
  • Kal ki Baat : Shadaj By Prachand Praveer

    लघुकथा संग्रह ‘कल की बात’ एक विशिष्ट विधा में है, जिसके हर अंक में ठीक पिछले दिन की घटनाओं का मनोरंजक वर्णन है। आपबीती शैली में लिखी गयी ये कहानियाँ कभी गल्प, कभी हास्य, कभी उदासी को छूती हुई आज के दौर की साक्षी हैं।

    382.00449.00