Ashok Vajpeyee Rachnawali – 13 Volume Set
₹7,500.00 Original price was: ₹7,500.00.₹5,625.00Current price is: ₹5,625.00.
अशोक वाजपेयी कई अर्थों में हिन्दी के विलक्षण साहित्यकार हैं। उन्होंने भारतीय भाषाओं (विशेष रूप से हिन्दी), कलाओं, संस्थाओं को भारतीय आधुनिकता और परम्परा के गहरे बोध से सम्पन्न किया है। इनका नवाचारी व्यक्तित्व इन सारे सन्दर्भों में द्रष्टव्य होता है। सम्भवतः इसीलिए अर्जुन सिंह ने इन्हें कहा था-” आप विनम्र आरम्भ में नहीं झंझावाती शुरुआत में यकीन करते हैं।”
साहित्य की अनेक विधाओं में इन्होंने विपुल लेखन किया है। विपुल का सन्दर्भ सिर्फ मात्रा से नहीं है। इसका महत्त्व तब उभरता है जब मनुष्यता के पक्ष में यह यात्रा किसी सार्थक संवाद का आधार बनती है। अशोक वाजपेयी का विविधतापूर्ण लेखन, इसकी गवाही देता है। समय के विभिन्न प्रश्नों के आधार पर उन्होंने जो प्रतिक्रियाएँ दी हैं- वह इसका प्रमाण है। आपातकाल का प्रश्न हो या साम्प्रदायिकता के विरोध का, चाहे लोकतन्त्र और उसकी चुनौतियों पर बोलने का अवसर हो- हर वक्त इनका सजग व्यक्तित्व हमारे समक्ष रहा है। छह दशकों से लम्बी यात्रा इतिहास का प्रत्यक्ष दस्तावेज भी है।
अशोक वाजपेयी की इस रचना-यात्रा से गुजरते हुए एक पाठक समय, समाज, इतिहास के विभिन्न दौर की धड़कनों को महसूस करता है।
साहित्य के साथ कला का जो मिश्रण इन्होंने तैयार किया-उसने जीवन को नयी दृष्टि से देखने की सम्भावना प्रस्तावित की।
‘ अशोक वाजपेयी रचनावली’ में ऐसे ही अशोक वाजपेयी का तमाम क्षेत्रों में किया गया विपुल लेखन संकलित हुआ है। इसका सम्पादन आलोचक अमिताभ राय ने किया है। आशा है, हिन्दी जगत इस रचनावली का स्वागत करेगा।
In stock
Reviews
There are no reviews yet.