Har Jagah Se Bhagaya Gaya Hoon (Poems) By Hare Prakash Upadhyay
हरे प्रकाश उपाध्याय
बिहार के आरा जनपद के गाँव बैसाडीह में 5 फरवरी 1981 को जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा जनपद के ही गाँवों में। बाद में वाया आरा-पटना इण्टर व बीए (समाजशास्त्र प्रतिष्ठा)। फिर दिल्ली में कुछ समय फ्रीलांसिंग, छोटी- मोटी नौकरी। कई पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन सहयोग। पत्रकारिता के कारण फिर लखनऊ पहुँचे। कुछ समय नौकरी के बाद, फिर 2014 से फ्रीलांसिंग व ‘मन्तव्य’ (साहित्यिक पत्रिका) का सम्पादन-प्रकाशन। सन् 2017 के अन्त में एक प्रकाशन संस्था की शुरुआत।
पुस्तकें : 2009 में पहला कविता संग्रह ‘खिलाड़ी दोस्त तथा अन्य कविताएँ’, 2014 में पहला उपन्यास ‘बखेड़ापुर’ तथा 2021 में कविता- संग्रह’ नया रास्ता’ प्रकाशित।
सम्मान: कविता के लिए अंकुर मिश्र स्मृति पुरस्कार (दिल्ली), हेमन्त स्मृति सम्मान (मुम्बई), कविता-कथा के लिए युवा शिखर सम्मान (शिमला), साहित्यिक पत्रकारिता के लिए स्पन्दन सम्मान (भोपाल), उपन्यास के लिए ज्ञानपीठ युवा लेखन पुरस्कार (दिल्ली)।
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