Description
Gandhi Ke Bahane By Parag Mandle
पराग मांदले
जन्म: 24 जुलाई 1972 (उज्जैन, म.प्र.) विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से हिन्दी साहित्य में एम.ए., डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद (महा.) से पत्रकारिता स्रातक (स्वर्णपदक)। दैनिक अग्निपथ, उज्जैन, मासिक कल्याण (गीताप्रेस), गोरखपुर, दैनिक देवगिरी समाचार, औरंगाबाद और दैनिक लोकमत समाचार, औरंगाबाद में कुल सात वर्षों तक पत्रकारिता। दो कथा संग्रह: राजा, कोयल और तन्दूर (भारतीय ज्ञानपीठ) तथा खिलेगा तो जलेगा ख्वाब (बोधि प्रकाशन) प्रकाशित। तीसरा प्रकाशनाधीन। देश के विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कविताएँ, कहानियाँ तथा विभिन्न विषयों पर बड़ी तादाद में लेख और नियमित स्तम्भ प्रकाशित । गांधी विचारों के अध्ययन और प्रचार-प्रसार तथा पर्यावरण संवर्धन के क्षेत्र में सक्रिय। फिलहाल, भारतीय सूचना सेवा के अन्तर्गत सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत।
Anuj Kumar –
Worth reading if you believe in Gandhi, in time which is full of hallucination.