APNI TALASH KA HASIL – Rajendra Toki – Gazal Sangraha

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Apni Talash Ka Hasil -rajendra Toki- Gazal Sangraha

अपनी तलाश का हासिल – राजेन्द्र टोकी

“कैसा है बो शख़स कि जिसके पास अगर बैठो
घंटो उसकी बातें सुनना अच्छा लगता है
ऐसा क्या है जिसकी ख़ातिर जिये जाते हैं
सब कुछ जबकि इस दुनिया में देखा लगता है
अजगर, गिरगिट, लोमड़ अपनी ज़ात पे शर्मिन्दा
नेताओं ने इनका रुतवा छीना लगता है…”
-इसी पुस्तक से

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राजेन्द्र टोकी का परिचय:-

10 जनवरी, 1954 को लुधियाना, पंजाब में जन्मे राजेन्द्र टोकी पी-एच.डी. एवं डी.लिट् हैं। अनेक पुस्तकों का लेखन और सम्पादन। रमेश बक्षी के उपन्यासों में व्यक्ति-बोध, हिन्दी के अभिशप्त उपन्यास (अश्लीलता के सन्दर्भ में), उपेन्द्रनाथ अश्क, साहित्य : सृजन और सरोकार, गुरु तेगबहादुर, श्रद्धाराम फिल्लौरी, अमीर खुसरो आदि आलोचनात्मक पुस्तकें। कुछ कविता- संग्रह और ग़ज़ल की पुस्तकें प्रकाशित। ‘इंकलाब और इंसान-दोस्ती’ नाम से जोश मलीहाबादी की शायरी के एक संचयन समेत एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का सम्पादन ।

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

9789380441900

Pages

144

Imprint

Vagdevi

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Writer

RAJENDRA TOKI

Customer Reviews

1-5 of 1 review

  • Manu Kumar

    worth the money spent

    January 8, 2024

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