JAAG UTHE KHWAB KAI By Sahir Ludhiyanvi

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जाग उठे ख़्वाब कई के प्रकाशन से पहले साहिर लुधियानवी की मुकम्मल शायरी नागरी लिपि में उपलब्ध नहीं थी। इस संकलन में उनकी क्लासिक मानी गयीं नज्मों के साथ मुकम्मल शायरी संग्रहीत हैं। साथ ही उनके 115 बेहद लोकप्रिय दिलकश कलात्मक फ़िल्मी गीत भी शामिल किये हैं।

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JAAG UTHE KHWAB KAI – SAHIR LUDHIYANVI EDITED BY MURLIMANOHAR PRASAD SINGH, KANTIMOHAN SOZ, REKHA AWASTHI TRANS. BY M.A. KHALID

जाग उठे ख़्वाब कई के प्रकाशन से पहले साहिर लुधियानवी की मुकम्मल शायरी नागरी लिपि में उपलब्ध नहीं थी। इस संकलन में उनकी क्लासिक मानी गयीं नज्मों के साथ मुकम्मल शायरी संग्रहीत हैं। साथ ही उनके 115 बेहद लोकप्रिय दिलकश कलात्मक फ़िल्मी गीत भी शामिल किये हैं। सेतु प्रकाशन के लिए यह बहुत ही गर्व और प्रसन्नता की बात है कि भारतीय उपमहाद्वीप के इस महान शायर की शायरी का दीवान हम हिन्दी लिप्यन्तरण में पेश कर रहे हैं।

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Category:
ISBN

9789395160742

Author

Sahir Ludhiyanvi Edited By Murlimanohar Prasad Singh, Kantimohan Soz, Rekha Awasthi Trans. By M.a. Khalid

Binding

Paperback

Pages

366

Publication date

25-02-2023

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

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