Description
आख़िरी पहर की दस्तक उर्दू भाषा के प्रसिद्ध साहित्यालोचक शमीम हनफ़ी की आख़िरी कृति है। उनकी काव्य-रचना की दुनिया में परम्परा की लगातार अन्तर्ध्वनियाँ हैं और नयी रंगतें भी। कविता की सीमाओं का तीख़ा अहसास भी उनके यहाँ हैं।”
About the Author:
देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित शमीम हनफ़ी उर्दू भाषा के मूर्धन्य साहित्यालोचक, नाटककार, कवि और विचारक थे। शमीम हनफ़ी हिंदी में कृति एक विद्वान आलोचक की है जो उर्दू के अलावा हिंदी साहित्य भी समझ और संवेदनशीलता के साथ पढ़ता-गुनता रहा है। हममें से बहुत कम को पता था कि उन्होंने बड़ी संख्या में ग़ज़लें भी कही हैं।






























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