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Vaishvik Aatankawad Aur Bharat Ki Asmita By Ram Puniyani (Edited By Ravikant)
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वैश्विक आतंकवाद और भारत की अस्मिता – राम पुनियानी (सम्पादक रविकान्त)
जरूरत इस बात की है कि हम केवल आतंकवाद के लक्षणों को न देखें बल्कि उस रोग का पता लगाने की कोशिश करें, जो आतंकवाद के उदय का मूल कारण है। केवल सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने से काम नहीं चलेगा क्योंकि अधिकतर आतंकवादी अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपना जीवन खोने के लिए तत्पर रहते हैं। हमने यह भी देखा है कि कुछ वैश्विक ताकतें आतंकवाद को प्रोत्साहन देती हैं और आतंकी संगठनों की मदद करती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ को और मजबूत बनाया जाए ताकि यह संगठन उन देशों के विरुद्ध कार्रवाई कर सके जो आतंकवादियों को शरण दे रहे हैं। अपने देश के स्तर पर हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकी हमलों के सभी दोषियों को बिना किसी भेदभाव के उनके किये की सजा मिले। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारी राजनीति नैतिक मूल्यों पर आधारित हो। जो तत्त्व व शक्तियाँ यह दावा कर रही हैं कि ये किसी धर्म विशेष या धर्म-आधारित राष्ट्रवाद की रक्षक हैं, उन्हें हमें सिरे से खारिज करना होगा। धर्म एक निजी मसला है और उसका राजनीति से घालमेल किसी तरह भी उचित नहीं कहा जा सकता। हमारी राजनीतिक व्यवस्था का आधार स्वतन्त्रता, समानता व बन्धुत्व के मूल्य होने चाहिए। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक प्रजातन्त्र की स्थापना की जरूरत है जिससे चन्द देश पूरी दुनिया पर अपनी दादागिरी न चला सकें।
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WishlistVaishvik Aatankawad Aur Bharat Ki Asmita By Ram Puniyani (Edited By Ravikant)
Author | Ram Puniyani |
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Editor | Ravikant |
Binding | Paperback |
Language | Hindi |
ISBN | 978-93-6201-098-8 |
Pages | 280 |
Publication date | 18-09-2024 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
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Manoj guha –
यह पुस्तक वैश्विक आतंकवाद के जटिल कारणों पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। राजनीतिक और सामाजिक मूल्यों की पुनर्संरचना की आवश्यकता पर बल देती है।
Sanjay Kumar Singh –
राम पुनियानी की यह पुस्तक आतंकवाद के जटिल कारणों का गहन विश्लेषण करती है। इसमें वैश्विक प्रजातंत्र और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।