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Ardhsatyon Ka Poorn Kavi By Dr. Anamika Anu

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अर्द्धसत्यों का पूर्ण कवि

अशोक वाजपेयी पर एकाग्र

कविताएँ । साक्षात्कार | लेख

डॉ. अनामिका अनु


क्या हम यह जान या मान पाएँगे कि हमारी दुनिया उस वास्तविक सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में और समय के फ्रेम में एक क्षण भर है। स्थान के फ्रेम में एक बिन्दु है। ज्ञान की किताब में एक वर्ण भर है। हम किस गुमान में हैं और किस नामकरण की संस्कृति को जन्म देकर सन्तुष्ट हुए जा रहे हैं। यह आम है, यह खास है, यह पहाड़ है, यह घास है, यह सुन्दर है, यह असुन्दर है। अबोध होकर बौद्धिकता का मायाजाल फैलाकर जो प्रसन्नता और गर्व हमारे चेहरे पर दिखायी पड़ता है, उसे अखिल- अनन्त ब्रह्माण्ड ‘अबोध शिशु की हँसी या अहंकार’ मान प्रतिक्रियाविहीन रहता है। ये सारे भाव अशोक वाजपेयी की कविताओं को पढ़ते वक़्त आप महसूस करते हैं। मैं अशोक वाजपेयी को अर्द्धसत्यों का पूर्ण कवि मानती हूँ। यहाँ’ अर्द्धसत्य’ का मतलब ‘आधा-सच’ बिल्कुल नहीं है। सत्य को जबरदस्ती उद्घाटित, सत्यापित या जानकारी से ज्यादा जोड़कर न व्यक्त करने से है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि यथार्थ का एक चित्र हो ही नहीं सकता है। जितने दृष्टिकोण उतने चित्र और हर कवि की काव्य विद्या उसे सम्पूर्णता से काग़ज़ पर संलिष्ट करने की कोशिश करती है। हर ईमानदार कवि ऐसी कोशिश बार-बार करता है।

– (किताब से)


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Description

Ardhsatyon Ka Poorn Kavi By Dr. Anamika Anu

डॉ. अनामिका अनु

१ जनवरी १९८२ को मुज़फ़्फ़रपुर में जन्मीं और केरल में रह रहीं डॉ. अनामिका अनु को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार (२०२०), राजस्थान पत्रिका वार्षिक सृजनात्मक पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ कवि, प्रथम पुरस्कार, २०२१) और रज्जा फेलोशिप (२०२२) प्राप्त हैं। इन्हें २०२३ का ‘महेश अंजुम युवा कविता सम्मान’ (केदार न्यास) मिल चुका है। उनके प्रकाशित काव्य-संग्रह का नाम है ‘इंजीकरी’ (वाणी प्रकाशन, रज़ा फ़ाउण्डेशन) है। उन्होंने ‘यारेख : प्रेमपत्रों का संकलन’ (पेंगुइन रेण्डम हाउस, हिन्द पॉकट बुक्स) का सम्पादन करने के अलावा ‘केरल से अनामिका अनु: केरल के कवि और उनकी कविताएँ’ का भी सम्पादन किया है। इनकी किताब ‘सिद्धार्थ और गिलहरी’ को राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है जिसमें के. सच्चिदानन्दन की इक्यावन कविताओं का अनुवाद है। इनकी कई रचनाओं का अनुवाद पंजाबी, मलयालम, तेलुगु, मराठी, नेपाली, ओड़िया, गुजराती, असमिया, अँग्रेजी, कन्नड़ और बांग्ला में हो चुका है। वह एमएससी (विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक) और पी-एच.डी. (इंस्पायर अवॉर्ड, डीएसटी) भी हैं।

Additional information

Author

Dr. Anamika Anu

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-635-5

Pages

182

Publication date

14-01-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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